पोक्सो लगा तो कसेगा बसपा नेताओं पर शिकंजा, सख्त हैं कानून के प्रावधान

Update: 2016-07-25 13:14 GMT

लखनऊ: बसपा के महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर की बेटी के बारे में कहे अपशब्दों पर यूपी पुलिस द प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल आफेंस (पोक्सो) लगाने के बारे में कानूनी सलाह ले रही है ।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) हरिराम शर्मा ने सोमवार को कहा कि इस बारे में कानूनी सलाह ली जा रही है कि पोक्सो कानून के तहत मामला बनता है या नहीं ।

दूसरी ओर कानून की छात्रा रहीं दयाशंकर की पत्नी स्वाति का कहना है कि उनकी बेटी के बारे में कहे गए अपशब्द पोक्सो के दायरे में आते हैं। अपशब्दों की सीडी पुलिस के पास है और वो इसे रविवार को गवर्नर राम नाईक को भी दे चुकी हैं ।

क्या है पोक्सो

द प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल आफेंस कानून 2012 में बना ।इस कानून को 19 जून 2012 को प्रेसिडेंट की मंजूरी मिली और 20 जून 2012 को इसे गजट में डाल नोटिफाइड कर दिया गया ।

18 साल से कम उम्र के नाबालिग के साथ प्राकृतिक या अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने या उनकी पोर्न फिल्म बनाने पर इस कानून का इस्तेमाल किया जाता है।इसके अलावा उन्हें भद्दे इशारा करना या कहना भी इस कानून के दायरे में आता है ।

पुलिस को ये कर्तव्य होता है कि वो जांच के दौरान नाबालिग की सुरक्षा का पूरा इंतजाम करे और उसे जरूरी मेडिकल सहायता उपलब्ध कराए ।

बच्चों के साथ सेक्सुअल एब्यूज के मामले ज्यादातर परिवार के सदस्यों ,शिक्षकों और डाक्टरों को लेकर सामने आ रहे हैं ।बच्चों को पोर्नोग्राफी दिखाना भी इसी कानून के तहत आता है ।

इस कानून के तहत मामला दर्ज होने पर विशेष अदालत बनाई जाती है जिसे पोक्सो अदालत कहते हैं ।

पुलिस को यदि इस तरह की कोई शिकायत मिलती है तो वो इसी मामले में मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट देती है ।फिर ऐसे मामले अदालत में चलते हैं ।इसकी सुनवाई बंद कमरे में होती है और पीड़ित की पहचाना छुपाना अनिवार्य होता है ।

इस मामले में अदालत को घटना की रिपोर्ट दर्ज होने के एक साल में फैसला देना होता है ।इस कानून के तहत एक बात ओर है जिसके तहत पोक्सो अदालत में गलत मुकदमा करने वाले को जुर्माना या छह महीने की जेल भी हो सकती है ।

पोक्सो पर सख्ती

यूपी में बदायूं के कटरा गांव में 27 मई 2014 को दो बहनों के साथ रेप के बाद हुई हत्या का मुकदमा इसी अदालत में चल रहा है ।पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनो बहनों के साथ रेप के बाद उनकी हत्या की गई थी लेकिन सीबीआई ने ना तो रेप की पुष्टि की और ना हत्या की ।जांच एजेंसी के अनुसार दोनो ने आत्महत्या की थी ।इस रिपोर्ट के बाद पोक्सो अदालत ने जांच एजेंसी को फटकार लगाई और नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया ।

देश में 42 प्रतिशत जनसंख्या 18 साल से कम आयु वालों की है ।नेशनल क्राइम रिपोर्ट और महिला बाल विकास मंत्रालय ने 2007 में अपनी रिपोर्ट में पाया कि बच्चों के साथ यौन संबंधों की घटनाएं बढ़ रही हैं ।रेप के लिए तो कड़े अपराध और कानून की व्यवस्था है लेकिन बच्चों के साथ यौन संबंधों को लेकर कड़े कानून नहीं हैं ।रिपोर्ट के अनुसार आधे से ज्यादा बच्चे कभी ना कभी सेक्सुअल एब्यूज के शिकार होते हैं ।अब तक सही कानून नहीं होने के कारण ऐसे कर्म करने वाले लोग सजा से बच जाते थे ।

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