छेड़खानी से आजिज सड़क पर उतरीं ट्रेनी महिला सिपाहियों की टोली, सड़क किया जाम

प्रशिक्षु महिला आरक्षियों ने नारेबाजी करते हुए पुलिस लाइन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके साथ ही सभी ने पुलिस लाइन-पांडेयपुर मार्ग को जाम कर दिया। प्रशिक्षु महिला आरक्षियों का आरोप था कि मंगलवार रात उनके बैरक में एक युवक घुस आया। शोर मचाने पर वो भाग निकला।

Update: 2019-06-05 12:46 GMT

वाराणसी: महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं । ये बात इसलिए उठी है क्योंकि आम महिलाओं के साथ अब महिला सिपाही भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। वाराणसी के पुलिस लाइन में ट्रेनी महिला सिपाही छेड़खानी का आरोप लगाते हुए सड़कों पर उतर आई। इस घटना के बाद पुलिस महकमे के लोगों के हाथ पांव फूलने लगे। अधिकारियों ने महिला सिपाहियों को किसी तरह समझा बुझाकर वापस भेजा।

ये है महिला सिपाहियों के आरोप ?

प्रशिक्षु महिला आरक्षियों ने नारेबाजी करते हुए पुलिस लाइन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके साथ ही सभी ने पुलिस लाइन-पांडेयपुर मार्ग को जाम कर दिया। प्रशिक्षु महिला आरक्षियों का आरोप था कि मंगलवार रात उनके बैरक में एक युवक घुस आया। शोर मचाने पर वो भाग निकला। इसकी सूचना आरआई को दी गई लेकिन वो नहीं आए।

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यही नहीं महिला सिपाहियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बैरक में सुविधा के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिलता। यहां तक की उनके बाथरुम के दीवार की ऊंचाई कम है। जिसमें नहाते वक्त उन्हें परेशानी होती है।महिला सिपाहियों का आरोप था कि उनकी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं है। चहारदीवारी छोटी है, सुरक्षा में कोई महिला आरक्षी तैनात नहीं रहती है।

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अधिकारियों के फूलने लगे हाथ-पांव

दरअसल इन दिनों पुलिस लाइन में गैर जनपद की 347 महिला सिपाहियों की ट्रेनी चल रही है। इन महिला सिपाहियों को पुलिस लाइन के पुरूष बैरक में रखा गया है लेकिन व्यवस्था बेहतर नहीं है। महिला सिपाहियों के सड़क पर उतरने की खबर के बाद पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। तत्काल मौके पर सीओ कैंट अनिल कुमार पहुंचें। उन्होंने महिला सिपाहियों की बात एसएसपी से कराई तब जाकर मामला शांत हुआ।

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