लखनऊ। हमारे देश में शिक्षकों का विशेष सम्मान है और किसी का भी जीवन बनाने में गुरुओं की बड़ी भूमिका मानी जाती है। आमतौर पर एक शिक्षक का कार्य छात्रों को शिक्षा देकर एक अच्छे समाज की रचना करना है, लेकिन कई शिक्षक ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने राजनीति के क्षेत्र में किस्मत आजमाई और इस क्षेत्र में भी अव्वल रहे। देश में राजनीतिक नजरिये से अहम स्थान रखने वाला राज्य उत्तर प्रदेश इस मामले में भी सभी राज्यों से आगे है। यूपी में पांच ऐसे चर्चित शिक्षक रहे जिन्होंने राजनीति में भी सफलता के झंडे गाड़े।
मुलायम सिंह यादव
उत्तर प्रदेश में समाजवाद की राजनीति को सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव राजनीति में आने से पहले मैनपुरी के करहल में एक इंटर कालेज में शिक्षक थे। लोहिया के समाजवाद से प्रभावित मुलायम राजनीति में आए और अपनी समाजवादी पार्टी बनाई और तीन बार मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री जैसे पदों पर आसीन हुए।
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मायावती
इसी तरह यूपी में दलितों की आवाज बनकर उभरी मायावती ने भी कभी राजनीति में आने के बारे में नहीं सोचा था। वह आईएएस बनना चाहती थी मगर बसपा संस्थापक कांशीराम से हुई मुलाकात के बाद वह उनसे प्रभावित होकर राजनीति में आ गयीं। राजनीति उन्हें इतनी रास आई कि वह इसमें रम गईं और चार बार यूपी की मुख्यमं़त्री बनीं।
डा.मुरली मनोहर जोशी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर डा मुरली मनोहर जोशी को राजनीति इतनी भाई कि उनकी गिनती भाजपा के तीन बड़े नेताओं में होने लगी। भाजपा अध्यक्ष रहने के साथ ही वह अटल सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री भी रहे। फिलहाल भाजपा में आयु की सीमा के कारण वे मौजूदा लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
राजनाथ सिंह
देश के मौजूदा गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी राजनीति में आने से पहले शिक्षक थे। राजनाथ मिर्जापुर के एक कालेज में भौतिक शास्त्र के शिक्षक थे। राजनीति में आने के बाद वह यूपी के मुख्यमंत्री बने और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। मौजूदा समय में वह देश के गृृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं।
डा.दिनेश शर्मा
लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में पढ़ाने वाले डा.दिनेश शर्मा की राजनीति में रुचि ने उन्हें यूपी की राजधानी लखनऊ का दो बार महापौर बनाया। वर्ष 2017 से वह यूपी की भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर आसीन हैं।
डा.मनमोहन सिंह व सुब्रमण्यम स्वामी
यूपी ही नहीं देश में भी कई ऐसे दिग्गज राजनेता हुए है, जो पहले शिक्षक थे। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूल ऑफ इकनामिक्स में बतौर शिक्षक कार्य कर चुके हैैं। इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी पश्चिम बंगाल के एक कालेज में शिक्षक रह चुके हैं। संप्रग सरकार में देश के गृहमंत्री रहे शिवराज पाटिल राजनीति में आने से पहले बम्बई विश्वविद्यालय में लेक्चरर थे। कांग्रेस की आलोचना में हमेशा आगे रहने वाले राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी हावर्ड यूनिवर्सिटी के लाउवेल हाउस और दिल्ली के इंडियन इंस्टीटयूट आफ टेक्नालाजी में शिक्षण कार्य कर चुके हैं।