आजम को लेकर सियासत गर्म: रामपुर में जयंत और अब्दुल्ला की बैठक, क्या अखिलेश को गच्चा देने की तैयारी

आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी रामपुर दौरे पर पहुंचे तो सबसे पहले आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम से मिलने उनके घर पहुंच गए। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में एक घंटे तक मुलाकात हुई।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-04-20 18:28 GMT

फोटो: रामपुर में जयंत और अब्दुल्ला की बैठक

Lucknow: उत्तर प्रदेश की सियासत (Politics of Uttar Pradesh) में बड़ी खिचड़ी पक रही है। लखनऊ (Lucknow) से लेकर रामपुर (Rampur) तक चर्चाओं का बाजार गर्म है हालांकि नेता अभी खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। यूपी में चुनाव (UP Election 2022) संपन्न हो गया है बीजेपी (BJP) एक बार फिर से सत्ता पर काबिज हो गई है, लेकिन चुनाव हारने के बाद भी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, इस वक्त आज़म खान (Azam Khan) को लेकर जो चल रहा है उसको लेकर सपा में खलबली है, आजम और उनके समर्थक ही नहीं कुछ और भी बड़े झटके उन्हें मिल सकते हैं। पिछले दिनों से आजम खान के करीबी मीडिया प्रभारी ने जिस तरह सपा सुप्रीमो पर आरोपों की झड़ी लगाई उससे साफ है कि आजम और उनका परिवार अखिलेश यादव से नाराज है।

बुधवार को आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी (RLD President Jayant Choudhary) रामपुर दौरे पर पहुंचे तो सबसे पहले आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम से मिलने उनके घर पहुंच गए। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में एक घंटे तक मुलाकात हुई। इस मुलाकात में समाजवादी पार्टी छोड़ चुके आजम के मीडिया प्रभारी भी मौजूद थे। जयंत चौधरी भले ही इसे सामान्य मुलाकात बता रहे हों, लेकिन इसके दो मायने हैं। पहला यह तो वह अखिलेश यादव का संदेश लेकर पहुंचे थे या फिर अपना समीकरण बनाने। क्योंकि आज़म खान यूपी में बड़ा मुश्लिम चेहरा हैं। ऐसे में आरएलडी अध्यक्ष सपा से नाराजगी की ख़बरों के बीच उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश हो सकती है। इस मुलाक़ात के बाद अब रामपुर से लखनऊ तक चर्चाओं का बाजार गर्म है।

जयंत चौधरी का नया दांव

रामपुर में जिस तरह से इस वक्त मुलाकातों का दौर, हमलों की झड़ी और आरोपों की बारिश हो रही है। उससे यह मान लिया जाए कि जयंत चौधरी ने भी सियासत में एक नया दांव चल दिया है। इस मुलाक़ात पर आरएलडी के नेताओं की ओर से कहा जा रहा है कि यह एक सामान्य मुलाकात थी। रामपुर में जयंत चौधरी अपने कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे। वह लखीमपुर खीरी हिंसा के गवाह हरदीप पुरी पर हुए हमले के बाद उनका भी हाल-चाल जानने पहुंचे थे। ऐसे में रामपुर पहुंचने पर उन्होंने आजम खान के परिवार से मुलाकात की। क्योंकि जिस तरह से बीजेपी सरकार ने उनके परिवार को प्रताड़ित किया है। अभी भी आजम खान जेल में हैं वह चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं ऐसे में यह फर्ज बनता है की अगर वह रामपुर में थे तो उनके परिवार का हालचाल लेने जाएं।

हालांकि एक दिन पहले जयंत चौधरी का बरेली-रामपुर का जो कार्यक्रम तय हुआ था। उसके मुताबिक उसमें आज़म परिवार से मुलाक़ात का कोई जिक्र नहीं था। लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक बड़े नेता ने आजम परिवार और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी की मुलाकात तय कराई। उसके बाद जब जयंत चौधरी रामपुर पहुंचे तो सबसे पहले आजम के घर गए। वहां बंद कमरे में एक घंटे की बैठक हुई। इस बैठक में तंजीम फातिमा और आजम के मीडिया सलाहकार जिन्होंने सबसे पहले अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोला समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दिया वजाहत खान भी मौजूद थे।


चौधरी चरण सिंह के साथ आजम ने सियासत की शुरुआत की

सूत्र बताते हैं की जयंत चौधरी ने अपने और आजम परिवार के तीन पीढ़ियों के रिश्तो का हवाला दिया। उन्होंने यह चर्चा की कि बड़े चौधरी यानी उनके दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ आजम ने सियासत की शुरुआत की थी। उसके बाद उनके पिता चौधरी अजीत सिंह के साथ रहे अब नई पीढ़ी जयंत चौधरी और अब्दुल्ला आजम की है तो एक साथ आकर क्यों न राजनीति की जाए। इस तरह से जयंत चौधरी, चंद्र शेखर आजाद, ओवैसी, कांग्रेस की ओर से आजम खान पर डाले जा रहे दौरे को लेकर या कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में 2024 के चुनाव से पहले कुछ बड़ा पक रहा है।

आजम को अपने पाले में करने की कोशिश

अब आपको बता दें जयंत चौधरी की मुलाकात से पहले दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने भी अपने प्रदेश अध्यक्ष को आजम परिवार से भेंट के लिए भेजा था। कहा जा रहा है कि जल्द ही चंद्रशेखर आजाद भी उनके घर आयेंगे। इसके अलावा कांग्रेस ने भी आजम खान को ऑफर किया है। असदुद्दीन ओवैसी के बारे में भी कहा जा रहा है कि वह जल्द ही आजम परिवार से मिलने यूपी आ सकते हैं। उनकी पार्टी की ओर से उन्हें न्योता भेजा जा चुका है। यह भी चर्चा है कि बसपा की ओर से भी आजम को अपने पाले में करने की कोशिश हो रही है।

ऐसे में आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी और अब्दुल्ला आजम की बीच हुई बैठक में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है। फिलहाल अखिलेश यादव इस पर मौन हैं। उनकी तरफ से आज़म खान को लेकर अभी एक भी बयान नहीं आया है। लेकिन उत्तर प्रदेश की सियासत में आजम खान को लेकर जो माहौल गरमाया है उसका लखनऊ से लेकर रामपुर तक असर होता दिखाई दे रहा है। जिससे अखिलेश की उसकी टेंशन कहीं न कहीं जरुर बढ़ी होगी।

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