अरे मंत्री जी... ये क्या! राजधानी के इस मशहूर अस्पताल का इतना बुरा हाल?

अगर आप राजधानी के लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए जाते रहे हैं, तो आपके साथ भी एक समस्या कभी ना कभी जरूर आई होगी। अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों को कड़ी मशक्कत करना तो आम बात है लेकिन राजधानी के लोहिया जैसे आधुनिक अस्पताल का हाल बहुत ही बुरा है। यहां पर काफी समय से बत्ती गुल होने की समस्या बनी हुई है। एक तरफ मरीज ओपीडी में लं

Update: 2017-10-11 07:51 GMT

लखनऊ: अगर आप राजधानी के लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए जाते रहे हैं, तो आपके साथ भी ये समस्या कभी ना कभी जरूर आई होगी। अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों को कड़ी मशक्कत करना तो आम बात है लेकिन राजधानी के लोहिया जैसे आधुनिक अस्पताल का हाल बहुत ही बुरा है।

यहां पर काफी समय से बत्ती गुल होने की समस्या बनी हुई है। एक तरफ मरीज ओपीडी में लंबी कतारों के इंतजार के बाद चिकित्सकों तक पहुंच पाते हैं तो दूसरी ओर अचानक अस्पताल परिसर की बिजली सप्लाई ठप हो जाती है।

अभी पिछले शनिवार का हाल ही देखिए। अस्पताल की अंडरग्राउंड वायरिंग में अचानक खराबी आ गई थी। कड़ी मशक्कत करने पर करीब 21 घंटे के बाद लोहिया अस्पताल में बिजली बहाल हो सकी थी। अस्पताल परिसर में 21 घंटे बिजली व्यवस्था ठप रही। इमरजेंसी सेवा से लेकर भर्ती मरीजों के हाल खराब हो गए। मुख्य बात यह है कि अस्पताल की बिजली सप्लाई शनिवार आधी रात के बाद ही ठप हो गई थी। रविवार रात 10 बजे के बाद बिजली सप्लाई चालू हो सकी थी। इतनी देर बिजली आपूर्ति ठप रहने से भर्ती मरीजों से लेकर ओपीडी भी पूरी तरह से प्रभावित रहा।

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बिजली जाना लोहिया के लिए कोई नई बात नहीं

अस्पताल में बिजली सप्लाई अचानक अक्सर बंद हो जाया करती है। अभी 25 दिन पहले ही अस्पताल के ट्रांसफार्मर खराब हो गए थे। काफी मशक्कत के बाद बिजली आई थी।

स्वास्थ्य मंत्री ने अभी हाल में किया था प्रेस वार्ता

अभी हाल में ही स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लोहिया अस्पताल में प्रेस वार्ता कर अपनी योजनाओं के बारे में बताया था। मंत्री जी आए और चले गए लेकिन उन्होंने अस्पताल की असुविधाओं की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया। बिजली की सप्लाई के बारे में लोहिया के कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर मुंह नहीं खोलते हैं।

वैकल्पिक व्यवस्था फेल

बिजली सप्लाई अचानक जाने के बाद अस्पताल की वैकल्पिक व्यवस्था भी काम नहीं करती है। अस्पताल में जब भी बिजली संबंधी कोई समस्या आती है तो जेनरेटर की सप्लाई चालू कर दी जाती है लेकिन लोड अधिक होने के कारण यह वैकल्पिक व्यवस्था सही तरीके से काम नहीं कर पाती। जेनरेटर कुछ देर बाद ही अधिक लोड होने से ऑटोमेटिक बंद हो जाता है।

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महिला वार्ड के मरीज सबसे अधिक होते हैं परेशान

अस्पताल में बिजली सप्लाई अचानक बंद हो जाने के कारण सबसे अधिक परेशानी महिला सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों को उठानी पड़ती है। यह वार्ड चारों तरफ से बंद है। कहीं से भी हवा आने का व्यवस्था नहीं है। सप्लाई नहीं होने के चलते एसी काम नहीं करती है। जेनरेटर एसी का लोड नहीं उठा पाता है। इसके चलते मरीजों को बहुत दिक्कत आती है।

बिना जांच के लौट जाते हैं मरीज

अक्सर यह होता है कि बिजली गुल होने के चलते कई मरीजों की जांच नहीं हो पाती है। आलम तो यह है कि गंभीर मरीज भी जांच से वंचित रह जाते हैं। इसका सीधा प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।

ट्रांसफार्मर से लेकर अंडरग्राउंड केबल में रहती है दिक्कत

लोहिया अस्पताल में लगे तार जर्जर हो चुके हैं। उन की एक्सपायरी डेट भी पूरी हो चुकी है फिर भी ना तो स्वास्थ्य मंत्री की इस पर नजर जाती है और ना ही अस्पताल के कोई चिकित्सक आवाज उठाते हैं। पुराने सिस्टम के तहत कार्य होने के चलते राजधानी के हाई टेक अस्पताल का हाल बुरा है।

सीएमएस की सफाई

सीएमएस डॉक्टर एम एल भार्गव का कहना है कि इसको लेकर हर संभव प्रयास किया जाता है। जब भी अस्पताल में बत्ती गुल होती है तो तुरंत इलेक्ट्रीशियन उसको ठीक करने में लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि लोड अधिक होने के चलते यह दिक्कत आती है।

10 साल पुराने हो चुके हैं तार

अस्पताल में जो बिजली सप्लाई का काम हुआ था वह करीब 10 साल पहले हुआ था। जर्जर तारों में बिजली दौड़ रही है। अंडरग्राउंड वायर के खराब होने पर उसको ठीक करने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। यहां पर केवल जो खराबी आती है उसको सही कर दिया जाता है लेकिन नए सिरे से काम करने पर किसी का ध्यान नहीं जाता।

दूर-दराज से आए मरीज परेशान

लोहिया में ऑपरेशन के लिए मरीज को तारीख मिलती है लेकिन कई मरीज निश्चित तारीख में अपना ऑपरेशन नहीं करवा पाते हैं क्योंकि मरीज तो पूरी तैयारी के साथ अस्पताल में पहुंच जाता है लेकिन अचानक बिजली सप्लाई गुल हो जाने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाते हैं। दूर-दराज से आए मरीज परेशान होते हैं है। इस तरह से राजधानी का लोहिया अस्पताल बिजली सप्लाई के चलते प्रभावित हो रहा है।

कहते हैं 3 डी मॉडल बनेगा यहां का जन औषधि केंद्र

अभी हाल में ही स्वास्थ्य विभाग की महकमों द्वारा यह घोषणा हुई हुई है कि लोहिया अस्पताल में हाईटेक जन औषधि केंद्र खुलेगा लेकिन अस्पताल में जिस तरह से सप्लाई की व्यवस्था है यह 3 डी जन औषधि स्टोर कैसे काम करेगा , इस पर सवाल उठ रहा है। लोहिया अस्पताल को बिजली सप्लाई को दुरुस्त करना होगा तभी जाकर बात बन सकती है।

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