ऐसे कैसे होगी पढ़ाई? हर पल मौत के डर से जीते हैं इस स्कूल के बच्चे, ऐसी है बिल्डिंग की हालत
जिले में लापरवाह अधिकारियो के चलते एक के बाद एक सर्व शिक्षा की पोल खुलती नजर आ रही है। लापरवाही के चलते बच्चो की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब दो साल पहले जर्जर हो चुकी स्कूल की बिल्डिंग को अबतक ना तुद्वाया गया न बनवाया गया।
शाहजहांपुर: जिले में लापरवाह अधिकारियो के चलते एक के बाद एक सर्व शिक्षा की पोल खुलती नजर आ रही है। लापरवाही के चलते बच्चो की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब दो साल पहले जर्जर हो चुकी स्कूल की बिल्डिंग को अबतक ना तुद्वाया गया न बनवाया गया।
बिल्डिंग तुड़वाने का आदेश करीब दो साल पहले ही दिया जा चूका था। मगर आज भी हालत जस की तस है। बच्चे उसी पुरानी जर्जर बिल्डिंग के तले पढ़ने को मजबूर हैं। हर पल बचों को बिल्डिंग के ढहने का डर सताता रहता है। मगर अधिकारी अपनी आंखें बंद किए बैठे हैं।
ये है पूरी खबर:
- शाहजहांपुर के इटौरिया गांव में इस स्कूल का निर्माण लगभग 4 दशक पहले किया गया था।
- आज वो बिल्डिंग एकदम जर्जर हालत में है। दो साल पहले ही इसको तुडवाने का आदेश दिया गया था। मगर आजतक स्कूल बिल्डिंग की हालत वैसी ही है।
- वहां पढ्ने आए ब्नाच्चों के मन में हमेशा बिल्डिंग के ढहने का डर सताता रहता है।
- कई बार तो छत गिरने के चलते हादसे भी हो चुके हैं। मगर तब भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
क्या कहती हैं स्कूल की प्रधानाचार्या?
- स्कूल की प्रधानाचार्या की माने तो बीएसए से लेकर जिला अधिकारी कार्यालय को पत्र लिख कर जर्जर भवन की लगातार शिकायत की जा चुकी है मगर कोई सुनवाई नही हो रही है। शायद बीएसए को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
मौत के डर से स्कूल नहीं आते बच्चे
- स्कूल की येजर्जर हालत देख कई बच्चों ने स्कूल आना ही बंद कर दिया है।
- कई बार ऐसा हुआ है कि लिंटर के गिरने से बच्चे चोटिल हुए हैं।
प्रधान अध्यापिका उर्मिला देवी ने बताया कि उसके स्कूल मे 66 बच्चे पढ़ते हैं। स्कुल का स्टाफ भी होता है। लेकिन स्कूल की हालत अच्छी नही है। बच्चों को बाहर बैठा कर पढ़ाना पडता है। जर्जर स्कूल को तोड़ने की निलामी हो चुकी है। उसके बावजूद स्कूल को नहीं तोड़ा गया।