प्रिंसिपल का भाई है पोर्न साइट का एजेंट

Update: 2018-07-13 10:00 GMT
सिपल का भाई है पोर्न साइट का एजेंट

गोरखपुर: स्कूल के गेट के अंदर बच्चों को भेजकर अभिभावक उन्हें सुरक्षित मानते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पब्लिक स्कूलों की अंदर की लीला डराने वाली है। स्कूल के टॉयलेट में हिडेन कैमरा लगाकर बच्चियों और शिक्षिकाओं की क्लिपिंग को पोर्न साइट को बेची जा रहा है तो गुरु ही अपनी छात्रा को लेकर फरार हो जा रहे हैं। नर्सरी की छात्रा से रेप की कोशिश हो रही है तो वहीं प्रैक्टिकल में नंबर देने के नाम पर छात्रा से उसके शरीर की डिमांड हो रही है।

पिछले दिनों महराजगंज के एवरेस्ट इंग्लिश स्कूल के मामले ने अभिभावकों को हिला कर रख दिया है। फीस और शिक्षकों की योग्यता को लेकर स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच तनातनी के बीच अब असुरक्षा भी बड़ा मुद्दा बन कर उभर रहा है। स्कूल के प्रिंसिपल के भाई एजो ने लेडीज टॉयलेट में हिडेन कैमरा लगा रखा था, जिसकी क्लिपिंग को वह पोर्न साइट संचालकों को मोटी रकम लेकर बेचता था। मामला तब खुला जब एक क्लिप महराजगंज के लोगों के स्मार्ट फोन में वायरल होने के बाद पहुंचा।

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एवरेस्ट इंग्लिश स्कूल की ड्रेस में लड़कियों को देखकर लोगों के होश उड़ गए। लोगों ने जमकर स्कूल में हंगामा किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस ने भी तेजी दिखाते हुए स्कूल की संचालिका आखोपूरो, पूर्व शिक्षक अश्वनी गुप्ता और विजय बहादुर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में दोनों शिक्षकों ने बताया कि प्रिंसिपल का भाई एजो टॉयलेट के वीडियो क्लिप को पोर्न साइट के संचालकों को बेचता था।

गिरफ्तार पूर्व शिक्षक अश्वनी गुप्त और विजय बहादुर के साथ एजो ने मिलकर स्कूल शिक्षिकाओं का भी वीडियो बनाया है। वह वीडियो पुलिस ने अश्वनी के मोबाइल से बरामद किया है। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने चार के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें से तीन को गिरतार कर जेल भेज दिया गया। चौथा आरोपित एजो फरार है। सिविल कोर्ट के अधिवक्ता व मानवाधिकार कार्यकर्ता विनय कुमार पांडेय ने इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र भेज बाल अधिकार के हनन का मामला बताया है।

ऐसे खुला मामला

अश्वनी के मुताबिक वीडियो विजय बहादुर ने उसे दिया था जो गलती से वायरल हो गया। विजय बहादुर के मुताबिक वह एक दिन लेडीज टॉयलेट में गया। अचानक दरवाजा खोलने पर कैमरा नीचे गिर गया। उसने उसे उठा लिया और फरेंदा में एक व्यक्ति को बेच दिया। लेकिन उसकी चिप उसके पास ही है। बाद में पुलिस ने फरेंदा से हिडेन कैमरा बरामद कर लिया।

नागालैंड की आखोपूरो

बीस वर्ष पहले एवरेस्ट स्कूल की स्थापना मूल रूप से नागालैंड निवासी आखोपूरो ने की थी। कुछ वर्ष पहले तक स्कूल के सभी स्टाफ नागालैंड के ही थे। अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई होने के चलते एडमिशन के लिए मारामारी होती थी। स्कूल 2010 में पहले भी विवादों में आ चुका है। तब मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षकत्व वाली हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों ने स्कूल प्रबंधन पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था।

विवादों में पब्लिक स्कूल

चार साल पहले गोरखपुर के फन एडं लर्न स्कूल में नर्सरी की बच्ची से रेप का मामला उजागर हुआ था। तब स्कूल के डायरेक्टर निहाल अहमद, प्रिंसिपल अजीउल हई समेत पांच लोगों की हिरासत में लेकर पुलिस ने लोगों के गुस्से को शांत कराया था। शहर के सबसे प्रतिष्ठित जीएन पब्लिक स्कूल में तो करीब 10 वर्ष पहले एक शिक्षक अपनी छात्रा को लेकर ही फरार हो गया था। बीते जनवरी महीने में महराजगंज का सेठ आनंदराम जयपुरिया इंटर कालेज सुर्खियों में आया था। स्कूल की एक छात्रा ने प्रेक्टिकल के नाम पर शिक्षक द्वारा छेडख़ानी का आरोप लगा कर स्कूल की दूसरी मंजिल से छलांग लगाने की कोशिश की थी।

चुप्पी से उठ रहे सवाल

पुलिस की जांच में स्कूल के टॉयलेट के दरवाजे में करीब दो इंच चैकोर जगह कटी हुई मिली। जहां दोनों पूर्व शिक्षकों और एजो ने मिलकर हिडेन कैमरा सेट किया था। मामला खुलने के कुछ दिन पहले ही स्कूल संचालिका को मामले का पता चला लेकिन उस जगह को लकड़ी के बुरादे से भरवा कर पेंट करा दिया। एसपी आरपी सिंह ने बताया कि स्कूल संचालिका आखोपूरो को हिडेन कैमरा लगाने की जानकारी पहले ही हो गई थी। लेकिन उन्होंने यह बात पुलिस से छिपाई। एजो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है। बहरहाल जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। डीएम का कहना है कि स्कूल की घटना को सोच कर शर्म आ रही है। लेकिन लोगों का कहना है कि डीएम को इस बात पर शर्म क्यों नहीं आ रही कि कैसे पांचवी तक की मान्यता वाले एवरेस्ट इंग्लिश स्कूल में 10वीं तक की पढ़ाई होती थी। गोरखपुर के एक विद्यालय से यहां के विद्यार्थियों को अटैच किया गया था। अब अभिभावक सवाल कर रहे हैं कि बच्चियों की क्लिपिंग पोर्न साइटों पर नहीं दिखे इसके लिए पुलिस क्या कर रही है।

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