Power Crisis In UP: बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए बनेंगे 80 नए उपकेंद्र, लगेंगे 266.88 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर
Power Crisis: बिजली के आधारभूत ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए 80 नए विद्युत उपकेंद्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही 266.88 लाख प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
Power Crisis In UP: उत्तर प्रदेश में बिजली की कमी (Power Crisis) को दूर करने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) बड़ी कार्ययोजना तैयार कर ली है। सरकार बिजली के आधारभूत ढांचे को और मजबूत बनाएगी। इसके लिए अगले पांच वर्षों में बड़ी क्षमता के 80 नए विद्युत उपकेंद्र (Power Substation) स्थापित किए जाएंगे। जिससे सूबे में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। साथ ही 266.88 लाख प्री-पेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगाए जाएंगे। प्रदेश की जनसंख्या बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग (Power Demand) लगातार बढ़ती जा रही है। इस बार गर्मी में हुई बिजली की कमी (Power Shortage) को देखते हुए सरकार अब इसके सुधार के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
अगले पांच वर्षों में होगी 80 नए विद्युत उपकेंद्रों की स्थापना
प्रदेश सरकार अगले पांच वर्षों में 80 नए विद्युत उपकेंद्रों (756 केवी के दो, 400 केवी के 6, 220 केवी के 24 और 132 केबी के 48) की स्थापना करेगी। इससे कुल 173 बड़े उपकेंद्र हो जाएंगे। इसका लाभ लगभग 30 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा। एटी. एंड सी. (एग्रीगेट टेक्निकल एंड कामर्शियल) हानियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक 16.38 फीसदी करने का लक्ष्य है।
सरकार अगले पांच सालों में 266.88 लाख प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। यह मीटर की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक 1,17,073 कि.मी. एल.टी.ए.बी. केबिल बिछाने का लक्ष्य है। बिजली वितरण के लिए 33/11 केवी के 593 उपकेंद्र बनाए जाएंगे। प्रदेश सरकार निर्बाध आपूर्ति के लिए कटिबद्ध है।
मांग और उत्पादन में लंबा अंतर
बता दें सरकार ने बिजली की सुचारु आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर की समय पर मरम्मत, बदलने, लोड बैलेंस के लिए सुदृढ़ व्यवस्था की है। साथ ही शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। लेकिन मांग और उत्पादन में लंबा अंतर होने से इस बार लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
इसी समस्या को अब ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा इसके सुधार के लिए प्रयासरत हैं। एक आंकड़े के मुताबिक इस वक्त राज्य के बिजलीघरों से लगभग 12,300 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जबकि केंद्र से करीब 9600 मेगावाट बिजली मिल रही है।
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