बुलन्दशहरः इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का आरोपी प्रशांत नट पुलिस गिरफ्त में
तीन अन्य फरार आरोपियों सतीश, विनीत और सचिन के साथ ही प्रशांत नट ने बुलंदशहर कोर्ट में पिछले हफ्ते सरेंडर की याचिका दायर की थी, लेकिन सोमवार को वे सरेंडर करने नहीं पहुंचे। पुलिस ने कोर्ट के बाहर उन्हें दबोचने के लिए जाल बिछा रखा था। चिंगरावटी गांव से पत्नी, बच्चे और माता-पिता समेत नट का पूरा परिवार फरार है। यह गांव इंस्पेक्टर की हत्या वाली जगह के पास है।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जनपद के स्याना बवाल में मारे गए इन्स्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मामले में प्रशांत नट पुलिस गिरफ्त में है। हालांकि, अधिकारी पहले इस मामले की आधिकारिक पुष्टि करने में कतरा रहे है। उधर,पुलिस सूत्रों पर यकीन करें तो प्रशांत नट ने ही इंस्पेक्टर को गोली मारी थी।
सूत्रॊं के अनुसार जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को काफी अहम सुराग हाथ लगे हैं। प्रशांत नट की गिरफ्तारी के सवाल पर एसएसपी बुलन्दशहर प्रभाकर चौधरी ने न्यूजट्रैक से बातचीत में इतना ही कहा कि अभी कन्फर्म नही है। कन्फर्म होने के बाद ही हम इस मामले में अधिकारिक रुप से कुछ बता सकेंगे।गौरतलब है कि बुलंदशहर में हुए बवाल में इंस्पेक्चर सुबोध के अलावा एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस सनसनीखेज हिंसा के बाद राजनीतिक माहौल भी गर्मा गया था और पुलिस पर जांच जल्द पूरी करने का दबाव था।
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प्रशांत नट के बारे में बताया जा रहा है कि वह एक ड्राइवर है और दिल्ली में रहता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार 'विडियो फुटेज और कुछ लोगों की मौखिक गवाही के आधार पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में नट को संदिग्ध पाया गया है।' गौरतलब है कि अब तक 3 दिसंबर को भीड़ के हमले में इंस्पेक्टर की हत्या के पीछे योगेश राज का हाथ माना जा रहा था।
पुलिस के एक आला अफसर के अनुसार योगेश राज की भूमिका लोगों को इकट्ठा करने, भीड़ को उकसाने और इंस्पेक्टर और सीओ से पुलिस स्टेशन में तीखी नोकझोंक करने तक है, लेकिन बाद में वहां जाकर इंस्पेक्टर की हत्या में वह संदिग्ध नहीं है। विडियो फुटेज और गिरफ्तार दो-तीन आरोपियों की गवाही के बाद पुलिस को नट के नाम का पता चला।
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तीन अन्य फरार आरोपियों सतीश, विनीत और सचिन के साथ ही प्रशांत नट ने बुलंदशहर कोर्ट में पिछले हफ्ते सरेंडर की याचिका दायर की थी, लेकिन सोमवार को वे सरेंडर करने नहीं पहुंचे। पुलिस ने कोर्ट के बाहर उन्हें दबोचने के लिए जाल बिछा रखा था। चिंगरावटी गांव से पत्नी, बच्चे और माता-पिता समेत नट का पूरा परिवार फरार है। यह गांव इंस्पेक्टर की हत्या वाली जगह के पास है।
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पुलिस अभी तक इंस्पेक्टर की लाइसेंसी पिस्टल और उनके तीन मोबाइल फोन का पता नहीं लगा पाई है। आशंका है कि सिंह की लाइसेंसी पिस्टल से ही उन्हें गोली मारी गई। बुलन्दशहर पुलिस ने अब तक इस मामले में 22 लोगों को गिरफ्तार किया है और 6 से अधिक लोगों ने कोर्ट में सरेंडर किया है। पुलिस का कहना है कि उसने फरार लोगों को अपराधी घोषित करने और उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है। इससे पहले सेना के जवान जीतू फौजी पर हत्या में शामिल होने का संदेह था, लेकिन उसके खिलाफ सबूत नहीं मिले।