"चाय पियो कुल्लड़ खाओ" जी हां चौंकिए नहीं... स्वाद लेना हो तो प्रयागराज आओ

Prayagraj News: जिस कुल्हड़ में आप चाय पिएंगे उसी कुल्लड़ को चाय पीने के बाद आप खा भी सकेंगे, जो स्वाद में स्वादिष्ट है और अब इसकी डिमांड भी बढ़ने लगी है। प्रयागराज के पटेल संस्थान में लगे किसान मेले में देवरिया से आई महिला समूह ने इसकी शुरुआत की है।

Report :  Syed Raza
Update: 2023-02-11 06:10 GMT

खाने वाला कुल्हड़ खरीदती महिला (फोटो: सोशल मीडिया) 

Prayagraj News: बदलते वक्त के साथ चाय पीने के अंदाज में भी अब बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रयागराज में देवरिया से आयी समूह महिलाओ ने चाय प्रेमियों को नई सौगात दी है। "चाय पियो और कुल्हड़ खाओ" जी हां सुनने में तो यह आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है । जिस कुल्हड़ में आप चाय पिएंगे उसी कुल्लड़ को चाय पीने के बाद आप खा भी सकेंगे, जो स्वाद में स्वादिष्ट है और अब इसकी डिमांड भी बढ़ने लगी है।

प्रयागराज के पटेल संस्थान में लगे किसान मेले में देवरिया से आयी महिला समुह ने इसकी शुरुआत की है। दुकानदार अंकित ने बताया कि गांव की समुह महिलाओं ने मोटे अनाज से इन कुल्हड़ को बनाया है साथ ही स्वाद के लिए चॉकलेट फ्लेवर को जोड़ा गया है। स्वच्छता और लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए इस कुल्हड़ को बनाया गया है ताकि लोग स्वस्थ रहें । आमतौर पर देखा गया है कि जगह जगह चाय की दुकानों पर गंदगी देखने को मिलती है और सबसे ज्यादा गंदगी कप या फिर कुल्हड़ की होती है।

ऐसे में इसके प्रयोग से गंदगी तो कम होगी ही साथ ही मोटे अनाज के सेवन से यह शरीर की पाचन प्रक्रिया को भी यह राहत देगा। इस अनोखी स्टॉल पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है और लोग जमकर के चाय की तारीफ के साथ-साथ अनोखे कुल्लड़ के प्रयोग की भी तारीफ कर रहे हैं । ₹20 में एक कप चाय के साथ कुल्हड़ का रेट निर्धारित किया गया है जो कि लोग पसंद कर रहे हैं। जो भी पहली बार चाय का सेवन कर रहा है वह हैरान है कि चाय पीने के बाद कुल्लड़ को खा भी सकते हैं।

लोगों का यह भी मानना है कि अगर हर जिले में इसी तरह का प्रयोग हो तो सेहत के साथ-साथ स्वच्छता भी हर जगह दिखाई देगी। जो भी ग्राहक आ रहे हैं वह चाय पीने के बाद इन कुल्हड़ को भी खरीद रहे हैं उनका कहना है कि वह घर जाकर के इसी कुल्हड़ में चाय पिएंगे और उसके बाद अपने घर परिवार के लोगों को कुल्हड़ का स्वाद भी चखाएंगे। उधर नोडल अधिकारी डॉ मुकेश मसीह की बात माने तो उनका कहना है कि पूरे किसान मेले में य़ह स्टॉल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

गांव की महिला समूह द्वारा बनाई गई कुल्हड़ पूरे देश में मशहूर हो इसी उद्देश्य के साथ इस स्टॉल को लगाया गया है ,ताकि इसका इस्तेमाल अधिक हो जिससे स्टार्टअप इंडिया को और मजबूती मिले। एक तरफ जहां कई लोगों को रोजगार मिलेगा तो वही चाय पीने के बाद लोग गंदगी भी फैलाने से बचे रहेंगे।

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