Prayagraj News: बच्चों का अनोखा कारनामा, कबाड़ से बनाएं कूलर, वैक्यूम क्लीनर, सोलर लाइट जैसे कई उपकरण

Prayagraj News: प्रयागराज के कोइलहा मलिन बस्ती के कई बच्चे इन दिनों चर्चा में है।;

Report :  Syed Raza
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-05-06 13:20 IST

 बच्चों का अनोखा कारनामा

Prayagraj News: कहते हैं जहां चाह वहां राह और इसी कहावत को प्रयागराज के मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों ने सच कर दिया है। मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों ने कबाड़ से इकट्ठा किए सामानों से कूलर ,वेक्यूम क्लीनर, टेबल फैन, गोबर गैस, मिर्ची कटर ,सोलर लाइट ,हाइड्रोलिक मशीन, जैविक गैस , पैनोस्कोप जैसे कई उपकरण खुद से बनाए हैं। खास बात यह भी है कि बनाए गए सभी उपकरण एकदम वैसे ही काम कर रहे हैं जैसे किसी ब्रांडेड कंपनी के समान हो। गुरु विवेक दुबे ने मलिन बस्ती के बच्चों को कैसे बनाया वैज्ञानिक, देखिए आखिर क्या है खास

प्रयागराज के कोइलहा मलिन बस्ती के कई बच्चे इन दिनों चर्चा में है। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों ने वह कारनामा करके दिखाया है,। जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। इन बच्चों ने कबाड़ से इकट्ठा किए गए सामानों से ऐसी ऐसे उपकरण बना दी, जिसको देखकर कोई भी दांतो तले उंगली दबा ले। 


अधिकतर बच्चों के मां बाप पूरे दिन कबाड़ी का काम करते हैं। उन्हीं के ही बच्चों ने कबाड़ से इकट्ठा किए गए सामानों से अनोखा कारनामा करके दिखाया है। किसी ने कूलर बनाया ,तो किसी ने सोलर लाइट, तो कोई वेक्यूम क्लीनर, तो किसी ने गोबर गैस और मिर्ची कटर। खास बात यह भी है कि इन बच्चों की उम्र बेहद कम है और इसका पूरा श्रेय इनके गुरु विवेक दुबे का है। विवेक दुबे बीते 7 सालों से इन बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने बताया कि बीते कुछ महीनों से जिन बच्चों का शिक्षा का स्तर कुछ बेहतर हुआ उन्होंने साइंस पढ़ने के दौरान प्रैक्टिकल करने की इक्छा जताई कि जो हम पढ़ाई कर रहे हैं, उसको प्रैक्टिकल करके भी देखें। 


इसी कड़ी में बच्चों ने कबाड़ से सामानों को इकठ्ठा करना शुरू किया और धीरे-धीरे करके रोजमर्रा से जुड़े उपकरण को बना दिया। विवेक दुबे का कहना है कि वह बेहद खुश हैं क्योंकि इन उपकरणों को उन बच्चों ने बनाया है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। ऐसे में वह सरकार से भी अपील कर रहे हैं गुजारिश कर रहे हैं कि सरकार शिक्षा का स्तर गरीब बच्चों का और बेहतर करें और इन बच्चों को भी आगे बढ़ाने का और बेहतर रास्ता निकालें ।


उधर जिन बच्चों ने कबाड़ से उपकरण बनाए हैं उन बच्चों कहना है कि इसका पूरा श्रेय उनके गुरु विवेक दुबे जी का है ।जिन्होंने बीते कई वर्षों से निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं ।विवेक दुबे ने दो बच्चों से शुरुआत की थी जिसके बाद आज 70 से अधिक बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं ।कूलर बनाने वाले छात्र साहिल का कहना है कि तेल के टीन से उसने कूलर की बॉडी का निर्माण किया है जबकि प्लास्टिक की बोतल से कूलर के पंखे को बनाया है और छोटी मोटर से पानी का कनेक्शन दिया है।

उधर मिर्ची कटर बनाने वाली छात्रा का कहना है कि बैटरी मोबाइल चार्जर से मिर्ची कटर संचालित होता है और 5 सेकंड में एक पूरी मिर्ची कट जाती है । वैक्यूम क्लीनर बनाने वाली छात्रा शालिनी का कहना है कि जिस तरीके से घर में वैक्यूम क्लीनर से गंदगी साफ की जाती है उसी तरीके से पानी की बोतल को काटकर के वैक्यूम क्लीनर को बनाया गया है और वह भी इसी तरह उसी तरह काम कर रहा है ।इसी तरह कई उपकरणों का निर्माण झोपड़पट्टी के रहने वाले छात्रों ने किया है।


आपको बता दें अधिकतर बच्चों के माता-पिता कूड़ा बीनने का काम करते हैं और वह भी चाहते थे कि उनके बच्चे भी कूड़ा ही उठाने का काम करे। लेकिन 7 साल पहले विवेक दुबे इनकी जिंदगी में फरिश्ते की तरह आये और तब से अब तक विवेक कई छात्रों को शिक्षा देने का काम कर रहे हैं । हमारी टीम भी जब मलिन बस्ती पहुंची तो छात्रों के द्वारा किया गया ये निर्माण देख कर के हैरान हो गई। बच्चों द्वारा बनाए गए उपकरणों का जायज़ा लिया हमारे संवाददाता सैय्यद आकिब रज़ा ने 

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