Prayagraj News: कोरोना काल में दफनाये गए शव गंगा नदी में तैरते हुए आये नजर, नगर निगम ने किया ये फैसला

लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस कारण जो शव कोरोना काल के दौरान नदी किनारे दफनाए गए थे उनके बालू से उभरने की तस्वीर सामने आने लगी है।

Published By :  Syed Raza
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-06-25 13:40 IST

दफनाये गए शव का नगर निगम कर रही दाह संस्कार: फोटो- सोशल मीडिया 

Prayagraj News: लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस कारण जो शव कोरोना काल के दौरान नदी किनारे दफनाए गए थे उनके बालू से उभरने की तस्वीर सामने आने लगी है। इस हालात से बचने के लिए प्रयागराज नगर निगम फाफामऊ घाट पर रेत में दफनाए गए शवों को निकालकर उनका वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करा रहा है। नगर निगम ने अब तक तकरीबन 50 शवों का अंतिम संस्कार किया है जो शव कटान की वजह से बालू खिसकने की वजह से बाहर निकल आए थे।

कोरोना काल में प्रयागराज के शमशान घाट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया था। वहां रेत में दफनाए गए शवों की तस्वीर कई अखबारों और मैगजीन की कवर फोटो के तौर पर लगाई गई थी। इसके बाद प्रशासन और सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। मॉनसून के दस्तक देने के बाद एक बार फिर इन शवों के उतराने की आशंका बढ़ गई है।

नगर निगम ने अब तक 50 से अधिक शवों का किया अंतिम संस्कार

बताया जा रहा है कि जब गंगा अपने शबाब पर होती है तो सभी घाट पानी में डूब जाते हैं। इस हालात से निपटने के लिए प्रयागराज नगर निगम दफनाए गए शवों का वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करा रहा है। स्थानीय लोगों, मुलायम सिंह बिसेन और अशोक अवस्थी ने नगर निगम के इस कार्य की जमकर सराहना की है और लोगों का कहना है कि नदी के किनारे जो लाश आ जा रही है या जो दफनाए हुए शव उभर आये हुए है उनका अंतिम संस्कार नगर निगम सही रीति रिवाज से कर रहा है।

 कटान होने की वजह से 17 शवों को जमीन से निकाला गया

शहर की महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी का कहना है कि उनकी टीमें लगातार घाट की निगरानी कर रही है। नदी में कटान हो रहा है, इसलिए शवों को चिताओं पर रखकर अंतिम संस्कार किया जाता है।अबतक कब्र से निकाले गए 47 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है ज्यादा कटान होने की वजह से 17 शवों को जमीन से निकाला गया और उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान एक शव गंगा में उतराता हुआ मिला, उसका भी अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान वैदिक रीति रिवाज का पालन किया जा रहा है। शवों को मंत्रोच्चार के साथ मुखाग्नि दी जा रही है। जोनल अधिकारी खुद इन शवों को मुखाग्नि देते हैं।

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