Prayagraj News: खतरे में मां गंगा का अस्तित्व, सूखने लगा गंगा का पानी, जगह-जगह दिखने लगे रेत के टीले
Prayagraj News: प्रयागराज में भीषण गर्मी के कारण लगातार गंगा नदी की धारा सुख रही है।
Prayagraj News: उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी से कई शहरों में पेय जल का संकट और गहरा सकता है । तीन तरफ से नदियों से घिरे शहर प्रयागराज में तो हालत यहा तक पहुच गए है की अपने अथाह जल से भरी रहने वाली गंगा की धारा भी सूख गई है । शहर में पेय जल देने वाली गंगा की मुख्य धारा में जगह जगह रेत के टीले निकल आये है। जिस जगह पर गंगा की धारा बहती थी अब उसी जगह पर स्थानीय लोग तरबूज, नैनवा ,खीरा ,ककड़ी की खेती भी कर रहे हैं। गंगा की स्थिति को देख स्थानीय पार्षद और आम जनता दोनों ही चिंतित हैं।
स्थानीय पार्षद रंजीव निषाद का कहना है मार्च महीने से ही गंगा नदी सूखने लगी थी और अप्रैल महीने में गंगा मा नहर में तब्दील हो गई। इस साल अप्रैल महीने में रिकॉर्ड गर्मी ने गंगा मा को सूखने पर मजबूर कर दिया हालांकि ऐसी गंगा की हालत उन्होंने अब तक की जिंदगी में कभी नहीं देखी।
आसमान से बरस रहे शोलो के चपेट में आकर अब तालाब और नहरे ही नहीं बल्कि वो नदियाँ भी सूखने के कगार पर पहुच गई है जो गर्मी के दिनों में अपने किनारे बसने वाले शहरो को पीने के पानी का सबसे बड़ा जरिया रही है। संगम नगरी प्रयागराज को सत्तर फीसदी पीने का जल देने वाली नदी गंगा - यमुना भी अब इसी फेहरिस्त में शामिल हो गई है । देखिये इन तस्वीरों को जो प्रयागराज से आई है । ये उस गंगा की तस्वीरे है जिसमे पानी की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल होता था ।
प्रयागराज से होकर गुजरने वाली गंगा नदी की मुख्य धारा में जगह जगह रेत के टीले उभर आये है और इनका सिलसिला दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । हमारी टीम जब प्रयागराज के दारागंज क्षेत्र पहुंची और वहां गंगा नदी का जायज़ा लिया तो तस्वीरे हैरान कर देने वाली थी। पूरे क्षेत्र में पानी इतना कम था की रेत का मैदान चारों ओर दिख रहा था। दारागंज क्षेत्र के पार्षद रंजीव निषाद का कहना है कि मार्च के महीने से ही गर्मी ने परेशानी बढ़ा दी थी जिसकी वजह से मां गंगा सूखने लगी थी ।इस बार अप्रैल के महीने में हर साल के मुताबिक 30 फीसदी पानी की कमी गंगा नदी में देखने को मिली है।
लगातार कम हो रहा गंगा का जलस्तर
लगातार कम हो रहे गंगा के जलस्तर को लेकर के स्थानीय लोग भी बेहद गंभीर हैं। हालत यह हो गई है यह स्थानीय लोग अब गंगा नदी में बने रेत के टीले में खेती करने पर मजबूर हो गए हैं ।स्थानीय लोग तरबूज, नैनवा, खीरा, ककड़ी की खेती करने लगे हैं और उनका भी कहना है कि इस साल मां गंगा का पानी वक्त से पहले ही कम हो गया।
जानकारों के मुताबिक ऐसा पिछले कई सालों में पहली बार हो रहा है कि वक़्त से पहले गंगा नदी का जलस्तर इतना कम हुआ हो। अब लोग सरकार से गुहार लगा रहे है कि जल्द ही बांधो या नहरों से जल न छोड़ा गया तो गंगा नदी की जल धारा का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा ।