Prayagraj News: रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना, पूरी तरह बदल जायेगा प्रयागराज जंक्शन

Prayagraj News: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रिडेवलपमेंट प्लान के विज़न को न सिर्फ सराहा है बल्कि इसे "विरासत भी, विकास भी" के थीम पर आधारित बताया है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2023-03-04 14:44 IST

Prayagraj Railway Station Project (Image: Social Media)

Prayagraj News:  प्रयागराज जंक्शन स्टेशन की पूरी कायापलट होने वाली है। रेलवे ने इसका खाका बना लिया है। ये रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा और इस पर 790 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूरा काम 2025 के महाकुंभ से पहले पूरा करने की योजना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रिडेवलपमेंट प्लान के विज़न को न सिर्फ सराहा है बल्कि इसे "विरासत भी, विकास भी" के थीम पर आधारित बताया है।

दरअसल, भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) भारतीय रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहा है। जिसमें उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, आगरा कैंट और ग्वालियर शामिल हैं।

सैटेलाइट स्टेशन 

प्रयागराज जंक्शन के अलावा प्रयागराज छेवकी, सूबेदारगंज, गोविंदपुरी आदि जैसे सैटेलाइट स्टेशनों का भी विकास किया जाएगा। स्टेशन पर विकास शहर और आसपास के स्थानों में विकास के साथ पूरी तरह से सामंजस्य में किया जाएगा।

पीपीपी मोड से रिडेवलपमेंट

प्रयागराज जंक्शन स्टेशन का पुनर्विकास पीपीपी मॉडल पर होगा। प्रस्तावित विकास कार्य सात चीजों पर आधारित है -

1. सिटी सेंटर का निर्माण।

2. भीड़भाड़ मुक्त स्टेशन यानी अलग-अलग आगमन और प्रस्थान।

3. लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी यात्री सुविधाएं। 4. मौजूदा प्राकृतिक संरचना और वातावरण का संरक्षण।

5. स्वच्छता।

6. संचार सुविधाएं।

7. परिवहन के अन्य साधनों के साथ इंटीग्रेशन।इसके तहत स्टेशन और उसके आसपास के विकास जैसे मेट्रो आदि के साथ कनेक्टिविटी को भी शामिल किया गया है।

कुम्भ की भीड़

प्रयागराज जंक्शन के लिए प्रस्तावित योजना के तहत, माघ, कुंभ और महाकुंभ मेला के दौरान भारी संख्या में आने- जाने वाले तीर्थयात्रियों के सुचारू संचालन के लिए विशेष ध्यान रखा जा रहा है। चूंकि इन मेलों में रोजाना एक करोड़ तक लोग आ जाते हैं सो उसको ध्यान में रखा गया है ताकि तनिक भी असुविधा किसी को न हो।

60 साल आगे की प्लानिंग

स्टेशन के पुनर्विकास की योजना इस तरह से बनाई जा रही है कि प्रदान की गई सुविधाएं 60 वर्ष की अवधि तक सेवा देने में सक्षम हों। यानी अगले साठ साल को ध्यान में रख कर प्लानिंग की गई है।

क्या क्या बनेगा

रि डेवलपमेंट प्लान के तहत स्टेशन पर कांकाेर्स (हाल नुमा परिसर) रिटायरिंग रूम, प्रतीक्षालय, फूड प्लाजा, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, पार्सल आफिस बनेगा। हर एफओबी और प्लेटफार्म को जोड़ने के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट लगेंगी। ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणन, दिव्यांग फ्रेंडली भवन, वर्षा जल संचयन, छत पर सोलर पैनल, मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था होगी। प्रयागराज जंक्शन में सिविल लाइंस साइड में 400 करोड़ रुपये की लागत से 20, 483 वर्ग मीटर एरिया में पुनर्विकास होगा। नई बिल्डिंग में दो हजार से अधिक यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी। सिविल लाइंस की ओर स्थित मौजूदा रेलवे कॉलोनी को स्टेशन के प्रस्तावित नए भवन के लिए रास्ता बनाने के लिए ध्वस्त किया जाएगा। 

आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल

स्टेशन के डेवलपमेंट में विशेषज्ञों और सभी उपलब्ध आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ-साथ सिविल और नगर नियोजन प्राधिकरणों के साथ समन्वय भी विकास प्रक्रिया का हिस्सा है, ताकि रेलवे स्टेशन सही मायने में शहर के केंद्र के रूप में विकसित हो और समग्र और व्यापक तरीके से सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो।

सभी का खयाल

स्टेशन री-डेवलपमेंट में सभी उम्र के तथा दिव्यांग व बीमार यात्रियों की जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा। साथ ही साथ कोहरे, अत्यधिक वर्षा और गर्मी जैसे फैक्टर्स का ध्यान रखा जाएगा। 

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