कन्याओं को बचाएं: न होने दें भ्रूण हत्या, वरना कन्या भोज के लिए कहां मिलेंगी बच्चियां

कन्या भ्रूण हत्या नहीं करेंगे,नहीं करेंगे, जन जागरूकता अभियान में स्वयंसेवक के रूप में हरमन जी सिंह, सूर्य प्रताप, गोविंद तिवारी, अर्चना, रश्मि, समृद्धि, ने बढ़ चढ़कर अभियान में जुड़े हुए हैं। 

Update:2020-10-21 20:12 IST
नवरात्र में कन्या भोज के बगैर अनुष्ठान पूरा नहीं होता सातवीं से लेकर नवमी,दसवीं तक घरों में महिलाएं दस्तक देने लगती हैं

प्रयागराज: कन्या भ्रूण हत्या से देश में स्त्री और पुरुष के बीच बिगड़ते संतुलन पर समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह श्रद्धालुओं के बीच यह संदेश दिया की अगर कन्या भ्रूण हत्या पर रोक ना लगी तो नवरात्र जैसे पर्व में भोज के लिए भी कन्याओं का मिलना मुश्किल हो जाएगा यह बात हर इंसान के दिमाग में कूद रही है वहीं इसके लिए सार्थक पहल किसी के द्वारा भी नहीं की जा रही है जो चिंता का विषय है भ्रूण हत्या में काफी हद तक अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक महिला डॉक्टर,नर्स मददगार है

सब कुछ जानते हुए भी उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं होती नवरात्र में कन्या भोज के बगैर अनुष्ठान पूरा नहीं होता सातवीं से लेकर नवमी,दसवीं तक घरों में महिलाएं दस्तक देने लगती हैं जहां कन्या होती हैं तीन दिन तक कन्याएं इतनी व्यस्त होती हैं कि भोजन खिलाने के लिए उनके पीछे पीछे लोग दौड़ते रहते हैं ।

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कन्या भोज के लिए कन्याएं कहां से मिलेंगी

कौशल किशोर ने कहा कि जिस तरह गर्भ में पल रही कन्याओं को मार दिया जा रहा है उससे तो यही सवाल उठने लगा है कि आने वाले समय में कन्या भोज के लिए कन्याएं कहां से मिलेंगी नर्सिंग होम में अल्ट्रासाउंड के बाद बेटी होने पर डॉक्टर गर्भपात करा देती हैं ।

लिंग परीक्षण गैरकानूनी

संजय श्रीवास्तव ने कहा कि समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह द्वारा यह मुहिम चलाकर बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है लेकिन गैर कानूनी कार्य में अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन, महिला डाक्टर और स्टाफ नर्स की बराबर की भागीदारी होती है दिखाने के लिए सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर एक बोर्ड लगाकर लिंग परीक्षण गैरकानूनी होने की बात लिखी रहती है परंतु इसका पालन नहीं किया जाता शासन-प्रशासन की कवायद भी सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गई है।

 

बेटियों की जिंदगी की भीख मांग रहा

समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि बेटियों की जिंदगी की भीख मांग रहा हूं बेटियों को परिवार का गौरव माने उन्हें सम्मान दें कन्या भ्रूण हत्या करके पैसा कमाने वाले चिकित्सकों से कहां कि जिंदगी बचाने के लिए आपको मा ने पढ़ाया, ना की कोख में बच्चियों को मारने के लिए, उन्होंने कहा कि यदि बेटी नहीं बचेगी तो बहू कहां से आएगी बेटियों को बेटों की तरह पोषण, शिक्षा, सम्मान,अवसर देना चाहिए बेटी पैदा होने पर जश्न मनाए उसी के नाम से घर पर दो पौधे भी लगाएं।

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महेश मुन्ना पाल ने कहा कि विज्ञान का उपयोग अनुकूल होना चाहिए ना कि प्रतिकूल विज्ञान की मदद से गर्भ में कन्या भ्रूण है तो उसकी हत्या करने को उन्होंने संगीत अपराध बताया साथ ही इस तरह की हत्या को रोकने के लिए उन्होंने विद्यार्थियों और उपस्थित जनसमुदाय को शिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया कार्यक्रम का संचालन जगह-जगह दलजीत कौर ने किया। कन्या भ्रूण हत्या नहीं करेंगे,नहीं करेंगे, जन जागरूकता अभियान में स्वयंसेवक के रूप में हरमन जी सिंह, सूर्य प्रताप, गोविंद तिवारी, अर्चना, रश्मि, समृद्धि, ने बढ़ चढ़कर अभियान में जुड़े हुए हैं।

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