Prayagraj News: यूपी के इस जिलें में है शिव कचहरी, कान पकड़ उठक, बैठक लगाकर माफी मांगते हैं श्रद्धालु

Prayagraj News: सावन महीने में देश के अलग अलग शिवालयों और शिव मंदिरों मे भीड़ देखी जाती है। लेकिन, संगम नगरी प्रयागराज में भगवान् शिव का एक अनोखा धाम है 'शिव कचहरी'।

Update:2023-07-11 11:38 IST
शिव कचहरी ( न्यूजट्रैक)

Prayagraj News: सावन महीने में देश के अलग-अलग शिवालयों और शिव मंदिरों मे भीड़ देखी जाती है। लेकिन, संगम नगरी प्रयागराज में भगवान् शिव का एक अनोखा धाम है 'शिव कचहरी'। भगवान् शिव के इस धाम में भोले भंडारी कल्याण दाता के रूप में नहीं बल्कि एक न्यायाधीश के रूप में प्रतिष्ठित हैं। यहाँ शंकर ही जज और शंकर ही वकील और यहाँ आने वाले उनके भक्त मुलजिम। पूरी तरह से एक अदालत की शक्ल में बने इस शिवालय में श्रद्धालु जाने अनजाने खुद से हुई गलतियों और पापों से माफी मांगने के लिए यहाँ आते हैं। 288 शिव लिंग वाले इस शिवमंदिर में शिव भक्त कान पकड़कर शिव जी के सामने उठक बैठक लगाते हैं ताकि महादेव उनकी गलतियों और पाप से उन्हें मुक्त कर दें |

प्रयागराज के गंगा तट पर बनी यह इमारत को पहली नजर में देखने से अग्रेजी हुकूमत के समय की अदालतों की तस्वीर तरो-ताजा हो जाती है। वर्गाकार आक्रति में बनी इस इमारत में गुम्बद रहित यह स्थान है। एक अदालत लेकिन कोई सरकारी अदालत नहीं बल्कि भोले भंडारी भगवान् शिव की ऐसी अदालत जिसे भक्त शिव कचेहरी के नाम से पुकारते हैं।

महादेव के इस धाम शिव की कचहरी में भगवान् शिव न्यायाधीश के रूप में हैं और यहाँ आने वाले भक्त मुलजिम के रूप में, इस शिव धाम में कुल 288 शिव लिंग हैं। जिसमें एक प्रमुख बड़े शिव लिंग को भक्त न्यायाधिपति के रूप में देखते हैं और शेष 287 लघु-शिव लिंगों वकीलों
के रूप में कहते है की इंसान को उसके पुन्य कर्मों का फल तब तक नहीं मिलता जब तक वह पापों से मुक्त न हो जाए।

शिव की अदालत में पहुचने वाले शिव भक्त यहाँ पर पुण्य की प्राप्ति की कामना के लिए नहीं आते बल्कि जाने अनजाने में हुई गलतियों या पापों से मुक्ति की कामना उन्हें यहाँ खींच लाती है। शिव कचेहरी में आकर भक्त यहाँ शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं और फिर आखिर में क्षमा याचना के लिए न्याय स्वरूप शिव के सामने कान पकड कर उठक -बैठक लगाते हैं।

शिव कचेहरी के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक जहां भी आप की नजर जायेगी अधिवक्ता स्वरूप शिव लिंग ही नजर आयंगे। सुबह और शाम भक्तजन भगवान् शंकर की आरती करते हैं लेकिन सावन के महीने में यहाँ शिव भक्तों का भारी हुजूम उमड़ता है।

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