रायबरेली: कोरोना काल में भी लक्ष्य से नहीं डिगा NTPC, खूब की लोगों की मदद
एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक भोलानाथ ने यह बताया कि कोरोना काल के दौरान एनटीपीसी ने बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच में संतुलन बनाए रखा हालांकि यह काम बहुत ही चुनौतीपूर्ण था लेकिन लॉकडाउन के दौरान बिजली की कमी नहीं होने दी गई।
रायबरेली: एनटीपीसी ऊंचाहार में आज एक प्रेस मीट का आयोजन किया गया। इस प्रेस मीट के जरिए एनटीपीसी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया। एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक भोलानाथ ने यह बताया कि कोरोना काल के दौरान एनटीपीसी ने बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच में संतुलन बनाए रखा हालांकि यह काम बहुत ही चुनौतीपूर्ण था लेकिन लॉकडाउन के दौरान बिजली की कमी नहीं होने दी गई। एनटीपीसी की कुल उत्पादन क्षमता 1560 मेगा वाट है और इस परियोजना से यूपी सहित उत्तराखंड राजस्थान पंजाब जम्मू कश्मीर हरियाणा हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ को बिजली सप्लाई की जाती है।
ये भी पढ़ें: झांसी: रेलवे के ओएचई सब स्टेशन पर चोरी का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार
521 कैंसर मरीजों इलाज
एनटीपीसी ने कोविड-19 के दौरान कोरोना तमाम क्षेत्रों में मास्क सैनिटाइजर और फूड पैकेट की सप्लाई की है इसके अलावा अस्पतालों में पीपीई किट और लोगों में ग्रॉसरी आइटम भी मुहैया करवाए हैं एनटीपीसी स्वास्थ प्रोग्राम के तहत मोबाइल क्लीनिक क्लिनिक, आई कैंप, डेंटल कैंप, तंबाकू वैलनेस सेंटर इत्यादि के जरिए हजारों लोगों के स्वास्थ्य की जांच हुई और उन्हें इलाज उपलब्ध कराया गया इसके अलावा 521 कैंसर मरीजों इलाज उपलब्ध कराया गया।
मुख्य महाप्रबंधक ने बताया एनटीपीसी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क है और सुरक्षा मानकों के साथ ही मजदूरों और कर्मचारियों से काम लिया जाता है।इसके अलावा अगर कोई मजदूर दुर्घटना का शिकार होता है तो उसका पूरा इलाज एनटीपीसी की तरफ से करवाया जाता है।
ये भी पढ़ें: हाथरस कांड पर CBI की चार्जशीट, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
एनटीपीसी में 10 मेगावाट की क्षमता का सोलर पैनल भी है जिससे आसपास के गांवों की बिजली की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। एनटीपीसी में उत्पादित बिजली का एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश द्वारा प्रयोग किया जाता है यानी लगभग 42 फ़ीसदी बिजली उत्तर प्रदेश को दी जाती है।
कार्यक्रम में मानव संसाधन विभाग की प्रमुख वंदना चतुर्वेदी ने भी एनटीपीसी की उपलब्धियों को पत्रकारों के साथ साझा किया।
रिपोर्ट: नरेंद्र सिंह