लखनऊः राइट टू एजुकेशन (आरटीई) यानी शिक्षा का अधिकार के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का नियम है, लेकिन राजधानी के 21 स्कूलों ने इस योजना को पलीता लगा दिया है। इनमें सबसे नामचीन सिटी मॉन्टेसरी स्कूल और जयपुरिया स्कूल भी हैं। सिटी मॉन्टेसरी समेत ऐसे तमाम स्कूल हैं, जिन्होंने एक भी गरीब बच्चे को अपने यहां पढ़ने का मौका नहीं दिया। बाकी स्कूलों ने भी नामांकन से काफी कम एडमिशन किए हैं।
लखनऊ जिला प्रशासन ने आरटीई को ठेंगा दिखा रहे सभी स्कूलों को दो दिन में गरीब बच्चों को एडमिशन देने के लिए कहा है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर ये स्कूल एडमिशन नहीं देंगे तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही जिन बोर्ड से उनका एफिलिएशन है, उन्हें भी रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
ये स्कूल लगा रहे आरटीई को पलीता
-सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की सभी ब्रांच में 58 गरीब बच्चों को दाखिला मिलना था, लेकिन एक को भी नहीं मिला।
-जयपुरिया स्कूल में 12 नामांकनों में से सिर्फ 4 बच्चों को एडमिशन दिया गया।
-राजेंद्र नगर के नवयुग रेडियंस में 26 में से सिर्फ 2 गरीब बच्चे दाखिल किेए गए।
-न्यू वे स्कूल निरालानगर में 12 नामांकनों में से एक भी एडमिशन नहीं किया गया।
-सेंट्रल एकेडमी विकास नगर में 15 नामांकन हैं, लेकिन दाखिला एक भी नहीं।
-लखनऊ मॉडल स्कूल तकरोही ने 30 में से 5 और सीआईएस इंदिरानगर ने 14 नामांकन में से 1 दाखिला ही किया है।
एडमिशन न देने वाले ये हैं स्कूल
इन स्कूलों का रिकॉर्ड बेहतर
-राजधानी के 6 स्कूलों ने आरटीई के तहत ज्यादा एडमिशन किए हैं।
-लखनऊ पब्लिक स्कूल ने सभी 13 नामांकित छात्रों को एडमिशन दिए।
-सेंट जोजफ स्कूल ने 22 में से 19 और दौलतगंज के जेएम पब्लिक स्कूल ने सभी 27 नामांकित छात्रों को दाखिला दिया।
-कनौरा के शक्ति बाल विद्यालय में सभी 40, खदरा के नेशनल पब्लिक स्कूल में 44 में से 41 छात्रों को एडमिशन मिला।
-हुसैनाबाद के फरहीन कॉन्वेंट स्कूल ने भी 109 नामांकित छात्रों में 106 को दाखिल किया है।
संस्था ने दी डिफाल्टर की लिस्ट
-आरटीई एक्टिविस्ट समीना बानो ओर उनकी संस्था का इस मामले में एक्टिव रोल रहा है।
-इस संस्था ने डिफाल्टर की लिस्ट लखनऊ डीएम को उपलब्ध कराई जिस पर त्वरित कार्रवाई की गई