बस्ती में शिक्षकों ने सीएम से लगाई गुहार, हमे बचा लो सरकार
प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों ने जिलाधिकारी बस्ती के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
बस्ती : बस्ती जिले के शिक्षकों ने खोला सीएम के खिलाफ मोर्चा कहां अगर स्कूल बंद है तो City माल दुकानें पार्क क्यों सरकार खोली है। प्राइवेट विद्यालय के अध्यापक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। इसका जिम्मेदार कौन है ? प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों ने जिलाधिकारी बस्ती के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
शिक्षकों ने सरकार से स्कूलों को खोलने की गुहार लगाई है
कोविड के चलते पिछले एक साल से बन्द पड़े निजी विद्यालय के शिक्षकों ने सरकार से स्कूलों को खोलने की गुहार लगाई है। डीएम कार्यालय पहुंचे अध्यापकों ने कहा कि जब सिटी मॉल , दुकाने,पार्क अगर खुले हुए हैं,चुनावी रैलियां हो रही तो फिर स्कूल बंद कर बच्चों के भविष्य के साथ क्यो खिलवाड़ किया जा रहा है।
विद्यार्थियों के भविष्य के लिए दैनिक विद्यालय खुलना जरूरी है
ऑनलाइन पढ़ाई में स्मार्टफोन की जरूरत पड़ती है जबकि हर अभिभावक स्मार्टफोन नहीं खरीद सकता है। स्मार्टफोन होने की वजह से बच्चों के भविष्य अंधकार में जा सकते हैं। पढ़ाई के बहाने बच्चे कई चीजें देखना शुरू कर रहे हैं। बच्चे पूरी तरह बिगड़ रहे हैं। विद्यार्थियों के भविष्य के लिए दैनिक विद्यालय खुलना जरूरी है। दैनिक पढ़ाई जरूरी है ताकि उनके चाल चलन और भविष्य पर ध्यान दिया जाए।
अध्यापकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी बस्ती को सौपा
तमाम अध्यापकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी बस्ती को सौपा है। अध्यापकों ने कहा धारा 144 बच्चों के भविष्य से बढ़कर नहीं है, इसलिए कोविड नियमो के अनुसार विद्यालय खोले जाए। आज हम सभी अध्यापक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
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