Muharram 2022: राजधानी लखनऊ में निकला 10 वीं मोहर्रम का जुलूस, शहर में गूंजी मातम की आवाजें

Muharram 2022: लखनऊ में पुलिस की मुस्तैदी के बीच पुराने इलाके में 10वीं मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। चारो तरफ हुसैन की याद में मातम की आवाजें गूज उठी।

Update: 2022-08-09 10:17 GMT

राजधानी लखनऊ में निकला 10 वीं मोहर्रम का जुलूस: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

Lucknow: राजधानी की लखनऊ में पुलिस की मुस्तैदी के बीच पुराने इलाके में 10वीं मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। रंग-बिरंगे ताजिये लेकर जुलूस निकाला गया। चारो तरफ हुसैन की याद में मातम की आवाजें गूज उठी। हर अजादार मातम-ए-हुसैनी का सोगवार था।


इस दौरान जगह-जगह भारी पुलिस फोर्स तैनात रही। जवानों ने कई रूटों पर मार्च करके हालात का जायजा भी लिया।


जुलूस विक्टोरिया स्ट्रीट से अकबरी गेट, नक्खास व बिल्लौचपुरा होता हुआ गिरधारी सिंह इंटर कालेज, मंसूर नगर तिराहा शिया यतीम खाना होता हुआ दरगाह हजरत अब्बास पहुंचा।


इस दौरान अजादारों ने मातम कर करबला के शहीदों को पुरसा दिया।


ताजिया निकालना

आशुरा के दिन सुन्नी समुदाय का एक पंथ जुलूस की शक्ल में ताजिया निकालता है। ताजिया बांस, कागज, स्टील, लकड़ी और चांदी से बनाया जाता है। ताजिया इमाम हुसैन की कब्र की नकल होता है।


ताजिये का जुलूस इमामबाड़ा से सुबह के समय निकलता है और कर्बला ( बता दें कि हर शहर में कर्बला नाम का एक स्थान होता है।) में पहुंचकर खत्म हो जाता है।


कर्बला में ताजिये को दफना दिया जाता है। यह कार्यक्रम सुबह में शुरू होकर शाम तक समाप्त हो जाता है।




जानें क्यों मनाया जाता है मोहर्रम

मोहर्रम के महीने में इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को इराक के बयाबान में जालिम यजीदी फौज ने शहीद कर दिया था। हजरत हुसैन इराक के शहर करबला में यजीद की फौज से लड़ते हुए शहीद हुए थे।


अफ़वाह फ़ैलाने वालों पर पुलिस की कड़ी नज़र 

10वी मोहर्रम के अवसर पर जुलूस के दौरान ट्विटर, व्हाट्सएप, समेत अन्य सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जाएगी, ताकि व किसी प्रकार का कोई माहौल ना बिगड़े अगर कोई भी किसी तरह की अफवाह व माहौल खराब करने की कोशिश करता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही जायेगी।  



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