लखनऊ: कैलाश हॉस्टल की वार्डन शीला मिश्रा और उनके भाई राजेश बुधवार रात साढ़े 10 बजे हॉस्टल छोड़ कर चले गए। प्रोवोस्ट शीला मिश्रा समेत 118 लोगों के खिलाफ हसनगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोपियों पर एलयू कैंपस में तोड़फोड़, पथराव और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चीफ प्रॉक्टर,प्रॉक्टोरियल बोर्ड सहित 75 प्रोफेसर्स ने इस्तीफा दे दिया है। कैलाश छात्रावास समेत आसपास के इलाकें में पीएसी और पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।
एलयू प्रशासन के ऊपर उठा सवाल
एलयू के वीसी ने कहा कि प्रो. शीला मिश्रा दो महीने की चाइल्ड केयर लीव पर हैं। ऐसे में वह छुट्टी पर होने के बावजूद प्रोवोस्ट के चार्ज में कैसे चल रहीं थीं। जबकि प्रशासनिक नियम है कि कोई भी अधिकारी छुट्टी पर जाता है तो किसी अन्य को पद का चार्ज देकर जाता है। बड़ा सवाल है कि जब वह छुट्टी पर थीं तो उन्हें जांच में पद से हटाया कैसे गया। यह बात एलयू प्रशासन के ऊपर सवाल खड़ा कर रही है।
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गर्ल्स हॉस्टल में अब पुरूष को नहीं मिलेगी एंट्री
-एलयू के सभी गर्ल्स हॉस्टल में किसी भी पुरूष को एंट्री नहीं दी जाएगी।
-साथ ही हॉस्टल में रहने वाले प्रोवोस्ट की फैमिली के पुरूष सदस्य को भी हॉस्टल में एंट्री नहीं दी जाएगी।
-यह फैसला मंगलवार को कैलाश हॉस्टल में हुई तोड़फोड़ के बाद बुधवार को एलयू में हुई एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में लिया गया।
-एग्जाम के दौरान यूनिवर्सिटी में धारा 144 लागू करने और उसका कड़ाई से पालन करवाने का निर्णय लिया गया।
-यूनिवर्सिटी का एकेडमिक माहौल खराब न हो इसलिए यह सभी निर्णय लिए गए हैं।