Purvanchal Expressway : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की मजबूती परखेंगे जगुआर और राफेल जेट, उतरने के लिए चाहिए बढ़िया स्ट्रिप
Purvanchal Expressway : कल पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर राफेल और जगुआर युद्धक जेट भी लैंडिंग व टेकऑफ करेंगे।
Purvanchal Expressway : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के मौके पर इस सड़क पर राफेल (rafale jet) और जगुआर युद्धक जेट (Jaguar fighter plane) भी लैंडिंग व टेकऑफ करेंगे। एक्सप्रेस-वे पर युद्धक जेट की लैंडिंग और टेकऑफ से पता चलता है कि सड़क कितनी बेहतरीन क्वालिटी की बनी है क्योंकि इन जेट विमानों के लिए एकदम सपाट और मजबूत स्ट्रिप होनी जरूरी है। इन जेट को उतरने और उड़ने के लिए कम से कम डेढ़ किलोमीटर की सड़क चाहिए।
जगुआर युद्धक जेट (Jaguar fighter plane) की लैंडिंग स्पीड 213 किमी प्रतिघंटा होती है। उसे लैंड करने वक्त 1540 फुट लैंडिंग रन करना होता है। जबकि टेक ऑफ के लिए 1900 फुट का रन होता है। इस जेट का वजन 7 टन होता है।
राफेल युद्धक (rafale jet) जेट का वजन 10 टन होता है। इसका लैंडिंग रन 1500 फुट का होता है। यदि लैंडिंग की जगह कम है जो टचडाउन करते ही लैंडिंग पैराशूट खोल दिया जाता है जिससे स्पीड घट जाती है।
जगुआर की खासियत
SEPECAT Jaguar
एसईपीईसीएटी जगुआर एक सुपरसोनिक कम ऊंचाई पर उड़ने वाला लड़ाकू विमान है। इसके उत्पादन के लिए ब्रिटेन और फ्रांस ने साझेदारी की थी। इस विमान की सीमित पहुंच के बावजूद, जगुआर का इस्तेमाल 1990 के दशक के दौरान कई युद्धों में किया गया। कुछ देश अभी भी इस विमान का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुल मिलाकर एसईपीईसीएटी, बीएई और भारत के एचएएल ने 543 जगुआर विमानों का निर्माण किया।
जगुआर के डिजाइन की खासियत यह है कि इसके हाई-विंग लोडिंग डिजाइन की वजह से कम-ऊंचाई पर एक स्थिर उड़ान और जंगी हथियारों को ले जाने में सहूलियत होती है। विमान के कंधों पर स्थित पंखों से इसे शानदार ग्राउंड क्लीयरेंस मिलता है और जमीन पर हमला करने की विमान की खासियत के मुताबिक है। जगुआर एक सीट वाला विमान है। ये विमान 55.22 फीट लंबा और 28.51 फीट चौड़ा और 16.04 फीट ऊंचा है।
राफेल
Rafale Jet
राफेल लड़ाकू विमान स्टार्ट होते ही ऊंचाई तक पहुंचने में अन्य विमानों से काफी आगे है। राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है, जो चीन-पाकिस्तान के विमानों को भी मात देता है। यानी राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है।
राफेल स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है, यानी यह दुश्मन के रडार को चकमा देने के ताकत रखता है। साथ ही इसे इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि यह हिमालय के उपर भी उड़ान भर सकता है। राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है। यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है. इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं। राफेल चारों तरफ निगरानी रखने में सक्षम है। राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लग सकती हैं।