UP Election 2022: आजमगढ़ नहीं रहा सपा के लिए पहले जैसा अनुकूल, इस चुनाव में अखिलेश के लिए आ सकते हैं चौंकाने वाले नतीजे

UP Election 2022: आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है। बीते समय में जीत हासिल करने के बावजूद समाजवादी पार्टी के मतों के प्रतिशत में आई कमी के मद्देनजर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के समीकरणों में बदलाव नजर आ सकता है।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Monika
Update:2022-01-24 13:19 IST

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (फोटो- न्यूजट्रैक)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022)  का बिगुल बज चुका है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल मतदाताओं का रुझान अपनी ओर करने को लेकर लगातार मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में बीते समय में कई ऐसे निर्वाचन क्षेत्र रहे हैं, जो कि हमेशा से एक विशेष राजनीतिक दल (political party) का गढ़ रहे हैं। हालांकि इसके विपरीत बीते कुछ समय में काफी हद तक सियासी तस्वीरें बदली है।

ऐसा ही एक निर्वाचन क्षेत्र है आजमगढ़ (Azamgarh)। आजमगढ़ हमेशा से समाजवादी पार्टी (samajwadi party) का गढ़ माना जाता रहा है और इसी के अनुरूप क्षेत्र में हमेशा से समाजवादी पार्टी का दबदबा भी रहा है।

आजमगढ़ में रमाकांत यादव का रहा है दबदबा

बीते कुछ चुनावों की बात करें तो आजमगढ़ के मतदाताओं का रुझान काफी हद तक बदला है। समाजवादी पार्टी को अगर चर्चा से हटा दें तो हम यह कह सकते हैं कि आजमगढ़ में हमेशा से रमाकांत यादव  (Ramakant Yadav) का दबदबा रहा है। रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) पहले समाजवादी पार्टी में थे और फिर उन्होनें सपा छोड़ बसपा (BSP) का दामन थाम लिया। हालांकि अब रमाकांत यादव बसपा छोड़ 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।

रमाकांत यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से 1996 और 1999 में सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। जिसके बाद ही इन्होनें सपा का साथ छोड़ बसपा का दामन थाम लिया था और 2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर ही आजमगढ़ से पुनः जीत दर्ज की। 2004 में जीत के बाद रमाकांत यादव ने 2009 लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था और भाजपा के टिकट पर ही आजमगढ़ से एक बार फिर सांसद निर्वाचित हुए।

मुलायम सिंह यादव के आने से बदली कहानी

रमाकांत यादव के वर्चस्व के चलते आजमगढ़ की सीट जीतना समाजवादी पार्टी के लिए प्राथमिकता बन गई थी। समाजवादी पार्टी को अपना गढ़ खोते देख पार्टी के सबसे दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) 2014 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से उतरे। 2014 के चुनावों में मुलायम सिंह यादव ने जीत तो हासिल कर ली लेकिन प्राप्त मतों का प्रतिशत राजनीति में उनके कद के अनुसार कुछ खास बड़ा नहीं। मुलायम सिंह यादव ने 35.43 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल की वहीं दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के रमाकांत यादव 28.85 प्रतिशत मत हासिल किए, इसी के साथ तीसरे नंबर पर रहे बसपा उम्मीदवार शाह आलम को 27.75 प्रतिशत मत हासिल हुई।

2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का गढ़ बचाने और पिता की विरासत को संजोने के लिए अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बसपा और सपा के गठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरे। अखिलेश यादव ने 60.36 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल की वहीं दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को कुल 35.12 प्रतिशत मत प्राप्त हुए।

आजमगढ़ विधानसभा सीटों का हाल (Azamgarh assembly seats)

आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जो कि गोपालपुर, सगरी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर हैं। बीते 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो गोपालपुर, आजमगढ़ और मेहनगर विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी ने सपा और कांग्रेस गठबंधन के रूप में जीत हासिल की थी वही सगरी और मुबारकपुर विधानसभा सीटों पर बसपा ने जीत हासिल की। 

बीते समय में जीत हासिल करने के बावजूद समाजवादी पार्टी के मतों के प्रतिशत में आई कमी के मद्देनजर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के समीकरणों में बदलाव नजर आ सकता है। समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के लिए आजमगढ़ में नतीजे चौंकाने वाले साबित हो सकते हैं, हालांकि या पूर्ण रूप से आजमगढ़ की जनता और मतदाताओं के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसे पूर्ण बहुमत के साथ चुनते हैं।

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