Chandauli News: अफगानिस्तान से लौटे सूरज ने बयां किया वहां का खौफनाक मंजर
अफगानिस्तान में तालिबानियों के बीच फंसे अमोघपुर के सूरज चौहान के जेहन में भाजपा के लिए हमेशा सम्मान रहेगा।
Chandauli News: अफगानिस्तान में तालिबानियों के बीच फंसे अमोघपुर के सूरज चौहान के जेहन में भाजपा के लिए हमेशा सम्मान रहेगा। दरअसल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सूरज काबुल में फंस गया था, जिससे पूरा परिवार उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहा था। तभी पंडित दीनदयाल नगर की विधायक साधना सिंह मददगार के रूप में सामने आईं। उन्होंने न सिर्फ परेशान परिवारीजनों से मुलाकात कर हौसला बढ़ाया, बल्कि विदेश मंत्रालय से बात कर सूरज की वापसी के लिए सभी तरह के प्रयास किये। सूरज की घर वापसी के बाद उनका पूरा परिवार गदगद है। घर में खुशी का माहौल है आज सूरज के परिवार के लिए दीपावली से कम की खुशी नहीं है।
सूरज ने खुद भी बताया कि भारत सरकार की पहल का ही नतीजा है कि मैं आज वतन वापस लौट सका हूं। काबुल की परिस्थितियों की चर्चा सूरज से नहीं होती बन रही थी, उसने कहा कि ऐसा मंजर अभी तक मैंने कभी जिंदगी में नहीं देखा था और मैं भगवान से दुआ करूंगा कि ऐसी स्थिति कभी देखने को न मिले। वहां तालिबानियों के शासन के बाद हम लोग वतन वापसी की आशा छोड़ चुके थे, लेकिन भारत सरकार ने इस तरह की त्वरित पहल की कि हम लोग वापस आ गये। जहां हम फंसे थे वहां 17 लोग भारत के थे जिसमें 14 लोग उत्तर प्रदेश के निवासी थे। सभी लोगों को भारत सरकार ने अपने वतन वापस बुला लिया है। अब रोटी नमक खा लेंगे, लेकिन अपने देश को छोड़कर नहीं जाएंगे।अफगानिस्तान जैसे देश में तो कभी भूल कर भी नहीं जाएंगे। जब वहां के स्थानीय लोगों के लिए ही दहशत का माहौल है तो हम भारतीयों के लिए कितनी मुश्किल रही होगी। यह सोचकर ही जी घबराता है।
सूरज ने कहा कि जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के विधायक साधना सिंह, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे लगातार प्रयासरत रहे थे। मैं भजपा सरकार सहित सभी लोगों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। हालांकि सूरज के अफगानिस्तान में फंसने के दौरान लगातार उनके परिजन से चंदौली के निवासी व भारत सरकार में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा चंदौली के सांसद व केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे परिजनों के संपर्क में रहते हुए जल्द पुत्र की वापसी के लिए ढांढस बधाते रहे।