Chandauli News: बच्चों को वितरित करने वाली सरकारी किताबें मिलीं कबाड़ में, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

चंदौली जनपद में परिषदीय विद्यालयों के लिए निःशुल्क छात्रों को किताब मुहैया कराने के लिए सरकार ने जो भेजी थी, वह विभागीय लोगों की मिलीभगत से कबाड़ की दुकानों पर बेच दी जा रही है।

Report :  Ashvini Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-01 14:21 GMT

चंदौली: बच्चों को वितरित करने वाली सरकारी किताबें मिली कबाड़ में 

Chandauli News: देश के होनहार भविष्य निर्माताओं के साथ शिक्षा विभाग किस तरह का खिलवाड़ कर रहा है यह जानकर आप भी चौंक जाएंगे। चंदौली जनपद में परिषदीय विद्यालयों के लिए निःशुल्क छात्रों को किताब मुहैया कराने के लिए सरकार ने जो भेजी थी, वह विभागीय लोगों की मिलीभगत से कबाड़ की दुकानों पर बेच दी जा रही है।

ताजा मामला सकलडीहा सदर कोतवाली के बिछिया गांव का है जहां सदर एसडीएम द्वारा कबाड़ की दुकान पर एक दो नहीं बल्कि कई मंडलों में भारी मात्रा से 2020-21 तथा 2021-22 सत्र की किताबें नई नवेली बंडल में बनी हुई पाई गई। इस इस संबंध में तत्काल एसडीएम ने बीएसई को सूचित किया तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

नई किताबें कबाड़ की दुकान से हुई बरामद

मौके पर गए शिक्षा विभाग के लोगों ने भी देखा कि कई मंडलों में नई किताबें कबाड़ की दुकान से बरामद हुई है। इस संबंध में कबाड़ खरीदने वाले से जब पूछा गया तो उसने बताया कि यह पुस्तक खरीदे हैं हालांकि कैसे,कहां से पुस्तक खरीदी गई इसके लिए जांच टीम गठित की गई है। मिली पुस्तकों का सीरियल नंबर मिलान किया गया तो यह पुस्तक धानापुर बीआरसी के लिए आवंटित बताई गई ।

जांच टीम गठित करने के निर्देश

इसकी जांच के लिए तत्काल सदर व सकलडीहा तथा नियमताबाद बीडीओ को टीम गठित कर जांच करने के लिए निर्देश दिया गया है। यह अधिकारी 2 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपेंगे, उसके बाद कार्यवाही होगी।

इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदौली सतेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और तीन ब्लॉक के वीडियो की टीम बनाकर जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आते ही संबंधित के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी, उसके पहले ट्रांसपोर्टर को नोटिस जारी कर दी गई है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

चंदौली जनपद में यह पहला मामला नहीं है इसके पूर्व भी सकलडीहा ब्लॉक के बीआरसी की किताब कबाड़ की दुकान से मिलने का मामला आया था। कोविड-19 के संक्रमण के दौरान कागजों पर तो पुस्तकों का वितरण दिखा दिया गया लेकिन छात्रों तक यह पुस्तके नहीं पहुंची और इसे कबाड़ में बेच कर जे भरा जा रहा है।

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