UP Election 2022: पूर्वांचल की दो चर्चित सीटों पर पिता-पुत्र को भाजपा ने घेरा, सुभासपा के खिलाफ दोनों सीटों पर उतारे राजभर प्रत्याशी

Ghazipur News: पूर्वी उत्तर प्रदेश की दो चर्चित सीटों पर दिलचस्प सियासी जंग की बिसात बिछ गई है। गाजीपुर जिले की जहूराबाद और वाराणसी जिले की शिवपुर विधानसभा सीट पर राजभर बनाम राजभर की जंग देखने को मिलेगी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-02-12 20:33 IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Ghazipur News: पूर्वी उत्तर प्रदेश की दो चर्चित सीटों पर दिलचस्प सियासी जंग की बिसात बिछ गई है। गाजीपुर जिले की जहूराबाद ( (Jahurabad Assembly Seat) और वाराणसी जिले (Varanasi) की शिवपुर विधानसभा सीट (Shivpur Assembly Seat) पर राजभर बनाम राजभर की जंग देखने को मिलेगी।

भारतीय जनता पार्टी ने गाजीपुर की जहूराबाद विधानसभा सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के खिलाफ पूर्व विधायक कालीचरण राजभर (Kalicharan Rajbhar) को मैदान में उतार दिया है। दो बार इस सीट पर जीत हासिल करने वाले कालीचरण के उतरने से इस सीट पर अब रोचक जंग होने की उम्मीद है।

दूसरी ओर वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट (Shivpur assembly seat) पर ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के बेटे अरविंद राजभर और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के बीच भी कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। भाजपा ने इन दोनों सीटों पर राजभर प्रत्याशियों को उतारकर पिता और पुत्र को घेरने का प्रयास किया है। ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के लिए पूर्व सपा विधायक शादाब फातिमा ने भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं क्योंकि वे बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में कूद पड़ी हैं।

जहूराबाद में कालीचरण राजभर देंगे चुनौती

भाजपा की ओर से आज जारी 9 प्रत्याशियों की सूची में जहूराबाद सीट (Jahurabad Assembly) पर कालीचरण राजभर (Kalicharan Rajbhar) को उतारने की घोषणा की गई है। वे बसपा के टिकट पर दो बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने पिछले साल दिसंबर महीने में सपा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।

ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) का सपा के साथ गठबंधन होने के बाद उन्हें जहूराबाद सीट से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं थी। इसी कारण उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। आज भाजपा की ओर से सूची जारी होने के बाद उनका यह सियासी दांव बिल्कुल सटीक बैठता दिखा क्योंकि पार्टी ने उन्हें जहूराबाद से ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के खिलाफ दो-दो हाथ करने का मौका दे दिया है।

दो बार लगातार विधायक रह चुके हैं कालीचरण

जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र (Jahurabad Assembly Seat) पर कालीचरण राजभर (Kalicharan Rajbhar) की मजबूत पकड़ मानी जाती है और वे इस सीट से लगातार दो बार विधायक रहे हैं। इस सीट से उन्होंने 2002 और 2007 का चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था और दोनों चुनावों में उन्हें जीत हासिल हुई थी। वैसे उसके बाद 2012 और 2017 के चुनाव में उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा।

2012 में सपा की उम्मीदवार शादाब फातिमा ने उन्हें हराया था जबकि 2017 के चुनाव में भाजपा-सुभासपा गठबंधन के प्रत्याशी ओमप्रकाश राजभर के हाथों उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। पिछले साल फरवरी में उन्होंने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी मगर सपा और सुभासपा का गठबंधन होने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। अब भाजपा ने उन्हें ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया है।

भाजपा को कालीचरण से उम्मीदें

सियासी जानकारों का मानना है कि कालीचरण राजभर (Kalicharan Rajbhar) को उतार कर भाजपा ने बड़ा सियासी दांव खेला है। क्षेत्र के राजभर मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। इसलिए कालीचरण क्षेत्र के राजभर मतदाताओं में बड़ी सेंध लगाने में सक्षम है। इसके साथ ही जहूराबाद में चौहान, राजपूत, गुप्ता और दलित मतदाताओं पर भी उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। क्षेत्र में दो बार चुनाव जीतकर उन्होंने इस बात को साबित भी किया है।

कालीचरण को जहूराबाद विधानसभा सीट (Jahurabad Assembly Constituency) से टिकट दिए जाने के मुद्दे पर भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि टिकट देना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का काम है। पार्टी ने जिसे भी चुनाव मैदान में उतारा है, हम पूरी तरह उसके साथ हैं। उन्होंने जहुराबाद के साथ ही गाजीपुर की सभी सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया।

शादाब फातिमा ने भी खड़ी कर दी मुश्किल

ओमप्रकाश राजभर के लिए मुश्किलें सिर्फ कालीचरण राजभर (Kalicharan Rajbhar) के चुनाव मैदान में उतरने से ही पैदा नहीं हुई हैं बल्कि सपा की पूर्व विधायक शादाब फातिमा ने भी उनकी राह में कांटे बो दिए हैं। शादाब फातिमा ने 2012 का चुनाव जहुराबाद सीट से सपा के टिकट पर जीता था मगर इस बार टिकट न मिलने से वे काफी नाराज चल रही थीं। आखिरकार उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया और बसपा मुखिया मायावती ने उन्हें जहूराबाद सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतार दिया है। मायावती ने उन्हें जहुराबाद विधान सभा क्षेत्र का प्रभारी भी बना दिया है।

सपा से गठबंधन के बाद ओमप्रकाश राजभर मुस्लिम मतों को लेकर आश्वस्त थे मगर शादाब फातिमा के चुनाव मैदान में उतरने के बाद मुस्लिम मतों में भी बंटवारा तय हो गया है। इस तरह शादाब फातिमा ने ओमप्रकाश राजभर के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।

शादाब फातिमा को शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता रहा है और अखिलेश और शिवपाल के विवाद के दौरान उन्होंने शिवपाल यादव का समर्थन भी किया था। पहले उनके निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा थी मगर अब वे बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में कूद पड़ी हैं।

शिवपुर सीट पर भी इस बार दिलचस्प जंग

पूर्वांचल की एक और चर्चित विधानसभा क्षेत्र शिवपुर में सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के बेटे अरविंद राजभर का मुकाबला प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर (Anil Rajbhar) से हो रहा है। बेटे को चुनाव मैदान में उतारने के साथ ही ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया था कि इस बार अनिल राजभर को अपनी ताकत का पता लग जाएगा।

ओमप्रकाश राजभर से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा अनिल राजभर को प्रोजेक्ट करती रही है और इस कारण इस सीट पर भाजपा और सुभासपा के बीच प्रतिष्ठा की जंग हो रही है। अनिल राजभर लगातार ओमप्रकाश राजभर पर सियासी हमले करते रहे हैं। उन्होंने 2017 में शिवपुर सीट पर जीत हासिल की थी और अब उनके सामने इस सीट को बचाने की बड़ी चुनौती है।

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