Gorakhpur News: बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे सीएम योगी ने बच्चों को गोद में उठाकर दुलारा, हाथों से खिलाया बिस्किट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर-बस्ती मंडल में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जहां अधिकारियों को हर संभव मदद का निर्देश दिया, बल्कि हाथों से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण भी किया।
Gorakghpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर-बस्ती मंडल में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जहां अधिकारियों को हर संभव मदद का निर्देश दिया, बल्कि हाथों से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण भी किया। सीएम खुद लोगों को सरकार की उन योजनाओं से रूबरू करा रहे हैं। जिनका लाभ उठाकर वह आपदा में हुई हानि की भरपाई कर सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे की शुरुआत सिद्धार्थनगर से की। जिले का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद वह डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के बाढ़ राहत शिविर में पहुंचे। यहां बाढ़ पीड़ितों के बीच खुद जाकर उनका हाल जाना, उन्हें अपने हाथों से राहत सामग्री दी और इत्मीनान से उनकी बातों को सुन भरोसा दिलाया कि उनके रहते किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री खुद चलकर पहुंचे बाढ़ पीड़ितों के पास
परिवार के सदस्य की भांति वह उनके दु:ख दर्द को दूर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। यह सीएम योगी का निर्देश ही था कि बाढ़ प्रभावितों को कुर्सियों पर बैठाया गया था और मुख्यमंत्री खुद चलकर उनके पास पहुंच रहे थे।
बच्चों को देख भावुक हुए योगी
मुख्यमंत्री जब बाढ़ प्रभावित लोगों से मिल रहे थे तभी उनकी नजर अपनी माताओं व परिजनों की गोद में बैठे नौनिहालों पर पड़ गई। उन्होंने बच्चों को अपनी गोद में उठा लिया। उन्हें खूब दुलारा और अपने हाथों से बिस्किट खिलाया। यही नहीं सीएम योगी ने इन नौनिहालों के परिजनों को एक अभिभावक की तरह उनके स्वास्थ्य के लिए सजग भी किया। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की यह तस्वीर डुमरियागंज के साथ ही सिद्धार्थनगर, महराजगंज और गोरखपुर के उन सभी बाढ़ राहत केंद्रों पर दिखी जहां भी वह बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच पहुंचे। सबकुछ दिल को छू लेने वाला।
उफनाती राप्ती में एनडीआरएफ की लाइफ बोट से ग्रामीणों के बीच पहुंचे सीएम योगी
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों के दौरे पर शनिवार को निकले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नभ, जल व थल तीनों मार्गों से बाढ़ की स्थिति जानने के लिए तूफानी दौरा किया। इस क्रम में उन्होंने जहां सिद्धार्थनगर, महराजगंज और गोरखपुर जिले में बाढ़ का हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण किया, राहत शिविरों में जाकर प्रभावितों से मिले तो वहीं सहजनवा के भुआ शहीद गांव में वह एनडीआरफ के लाइफ बोट से पहुंचे। सहजनवा से सड़क मार्ग से बाढ़ का हाल जानते हुए गोरखपुर स्थित लालडिग्गी राहत शिविर आए। यहां से गोरखनाथ मंदिर तक सड़क मार्ग से जाते हुए शहरी क्षेत्र में भी जलभराव का जायजा लिया।
तमाम जगहों का हवाई सर्वेक्षण करते हुए मुख्यमंत्री सहजनवा पहुंचे। यहां राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने और राहत सामग्री बांटने के बाद वह कसरवल में एनडीआरएफ की लाइफ बोट में सवार होकर उफनाती नदी के बीच होते हुए भुआ शहीद गांव में पहुंचे। सीएम योगी ने यहां भी प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया, उनकी परेशानी जानी और आश्वस्त किया कि उनके रहते किसी को कोई दिक्कत नहीं होने पाएगी। सीएम ने इस दौरान कई बच्चों को दुलारा अपनी गोद में खिलाया। यहां महिलाएं योगी को खूब आशीष लुटाती नजर आईं।
यूं ही नहीं किसीको बच्चे प्यार से टॉफी बाबा कहते
वनटांगिया बस्ती गोरखपुर के बच्चे करीब दो दशक से योगी आदित्यनाथ को टाफी बाबा के नाम से जानते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनको इसी नाम से जानते हैं। यूं ही नहीं बच्चों में कोई टॉफी बाबा बन जाता है। इसकी वजह बच्चों के प्रति उनका निश्छल और नैसर्गिक प्रेम है। किसी भी अवसर पर उन्हें बच्चे मिल जाते हैं तो वह उन पर प्यार-दुलार लुटाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। शनिवार को सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज और सहजनवा के भुआ शहीद में बाढ़ पीड़ितों के बीच जब वह पहुंचे, तब भी यही नजारा दिखा। सीएम ने नौनिहालों को गोद में उठा लिया, प्यार-दुलार किया और उन्हें बिस्किट भी खिलाया।
नौनिहालों को गोद में लिए सीएम अपनी दैहिक भाषा (बॉडी लैंग्वेज) से यह भी साफ संदेश दे रहे थे कि उनके रहते कोई भी दुख शेष नहीं रहेगा। यह सही भी तो है, पूर्वांचल के बच्चों को असमय काल कवलित करने वाली इंसेफेलाइटिस को काबू में करने की बात हो या फिर कोरोना में बेसहारा हुए बच्चों के भरण पोषण के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को लागू करने की, योगी ने एक से बढ़कर एक मिसाल कायम की है।
नौनिहालों के लिए इंसेफेलाइटिस को लेकर सांसद के रूप में उनका संघर्ष और सीएम बनने पर नियंत्रण की समग्र कार्ययोजना पूरा देश जानता है। कोरोना काल मे यूं तो उन्होंने पूरे प्रदेश को संकट से उबारा लेकिन इस दौरान बच्चों के लिए उनकी 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' तो नजीर ही बन गई। इस योजना के जरिये उन्होंने कोविड से अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण, पढ़ाई और भविष्य निर्माण तक की जिम्मेदारी उठा ली है।
आज जब वह सिद्धार्थनगर जिले और सहजनवा में बाढ़ पीड़ितों के बच्चों को गोद में उठाकर दुलार रहे थे तो एक बार फिर यही संदेश था कि नौनिहालों का वर्तमान और भविष्य, दोनों को सुव्यवस्थित करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता है। इस दौरान उन्हें इन नौनिहालों के परिजनों को उनकी उचित देखभाल करने की नसीहत भी दी और कहा कि उनकी सरकार हर समय साथ में है इसलिए बाढ़ या अन्य किसी भी परिस्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है।