Gorakhpur News: रोडवेज बस से यात्रा करनी है तो छाता रखें साथ, जानें क्या है मामला

Gorakhpur News: गोरखपुर से सोनौली (नेपाल बॉर्डर) को गोरखपुर डिपो (यूपी 53बीटी 4652) की बस से यात्रा करने वाली महिलाओं ने मंगलवार को एक वीडियो वायरल किया है। जिसमें वह बारिश में यात्रा कर रही हैं।

Published By :  Monika
Update: 2021-08-24 09:16 GMT

रोडवेज बस से टपक रहा पानी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Gorakhpur News: यूपी परिवहन निगम की बसों (Bus) में बारिश (Rain) के दौरान यात्रा (travel) करनी हो तो आपको छाता (Umbrella) साथ रखना होगा। सिर्फ सड़क पर ही नहीं चलती बस में भी आपको छाते की जरूरत पड़ेगी। गोरखपुर से सोनौली (नेपाल बॉर्डर) को गोरखपुर डिपो (यूपी 53बीटी 4652) की बस से यात्रा करने वाली महिलाओं ने मंगलवार को एक वीडियो वायरल (viral video) किया है। जिसमें वह बारिश में यात्रा कर (travelling in rain ) रही हैं। बस में बारिश का पानी तेजी से गिर रहा है। महिलाएं छाता खोलकर बैठी हुई हैं।

बस की छत से टपकता पानी (फोटो : सोशल मीडिया )

गोरखपुर से सोनौली, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया और सिद्धार्थनगर की बसों में सुबह बड़ी संख्या में सरकारी दफ्तरों और स्कूल के पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं सफर करती हैं। बारिश के दिनों में उनका सफर करना मुश्किलों से भरा हुआ है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच वह बारिश से बचाव को लेकर जूझ रही है। बारिश में खिड़कियों के टूटे शीशे से पानी आता ही है, छत से भी पानी टपकता है। मंगलवार को गोरखपुर से सोनौली तक की यात्रा करने वाले मुसाफिरों का सफर मुश्किलों से भरा रहा। फरेंदा में एक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका नमिता शुक्ला ने बताया कि गोरखपुर डिपो की बस (यूपी 53बीटी 4652) से फरेंदा के लिए रवाना हुई। रास्ते में तेज बारिश होने लगी। पहले टूटी खिड़कियों से पानी की बौछार बस के अंदर आने लगी। इसके बाद छत से पानी गिरने लगा। लग ही नहीं रहा था कि बस में बैठे हैं या फिर खुले आसमान के नीचे।

गोरखपुर रोडवेज बस का ये नज़ारा (फोटो : सोशल मीडिया )

यात्रियों ने किया हंगामा

यात्रियों ने हंगामा मचाते हुए बस के परिचालक और ड्राइवर से शिकायत की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिये। कंडक्टर ने बताया कि बस के जर्जर होने की शिकायत कई बार एआरएम से करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन गोरखपुर क्षेत्र के दिनेश मणि मिश्र का कहना है कि बसें जर्जर स्थिति में हैं। इनकी मरम्मत नहीं हो रही हैं। कई बसें तो टायर-ट्यूब के आभाव में खड़ी हैं। लोकल रूट पर चलने वाली बसों की खिड़कियों के साथ ही छतों से भी बारिश का पानी यात्रियों को भिगो रहा है।

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