कूड़े से रोशन होंगे घर, प्लास्टिक कचरे से दौड़ेंगी गाड़ियां, जानिए कैसे होगा संभव

गोरखपुर (Gorakhpur latest News) जिले के सहजनवां के सुथनी गांव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने की तैयारी है।

Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-10-28 08:22 GMT

कूड़े से रोशन होंगे घर, प्लास्टिक कचरे से दौड़ेंगी गाड़ियां, जानिए कैसे होगा संभव (social media)

गोरखपुर। सड़कों पर बिखरे कूड़े और प्लास्टिक कचरों का पहाड़ भी अब काम का होगा। गोरखपुर नगर निगम (Gorakhpur Nagar Nigam) कूड़े के साथ ही प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल कर बिजली और एथेनाल पैदा करेगा। निगम सहजनवा में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़े से बिजली बनाएगा। वहीं प्लास्टिक कचरे (Plastic Free) से एथेनाल बनाएगा। शौचालयों के वेस्ट को निस्तारित कर खाद बनाया जाएगा।

नगर निगम प्लास्टिक वेस्ट प्रोसेसिंग ( Municipal Corporation Plastic Waste Processing) के लिए फ्यूल (ईंधन) प्लांट बनाएगा। स्वच्छ भारत मिशन (Swatch Bharat Mission) नगरीय की ओर से नगर निगम को 19.40 करोड़ रुपये की राशि मिलेंगे। इन रुपयों से शहर में फेंके गए या जब्त किए गए प्लास्टिक का सुरक्षित निस्तारण कराने के लिए प्लांट लगाया जाएगा। प्लास्टिक से एथेनाल बनाने की योजना है। शहर में फिकल स्लज एंड सेप्टेज मैनेजमेंट (Faecal sludge and sepage management ) न होने के कारण गंदगी इधर-उधर फेंक दी जाती है। जल निगम शहर में एफएसएसएम प्लांट स्थापित करेगा। यहीं गंदगी को निस्तारित कर पानी को खेतों और अन्य कार्यों में प्रयोग लायक बनाया जाएगा। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि परियोजना पर जल्द काम शुरू होगा। इससे शहर को साफ रखने में काफी मदद मिलेगी। एफएसएसएम (FSSM) वाहन पर 6.4 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं निर्माण व विध्वंस अपशिष्ट निस्तारण प्लांट पर पांच करोड़ और प्लास्टिक से फ्यूल प्लांट की स्थापना पर आठ करोड़ खर्च होंगे।

31 करोड़ से बनेगा प्लांट, पैदा होगी बिजली

गोरखपुर (Gorakhpur latest News) जिले के सहजनवां के सुथनी गांव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने की तैयारी है। इसका शिलान्यास अगले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करने जा रहे हैं। 31 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले प्लांट में कूड़े के निस्तारण के साथ ही खाद और बिजली भी बनाई जाएगी। निगम ने प्लांट बनाने की जिम्मेदारी कंस्ट्रक्शन एवं डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) को दी है। प्लांट के मद में 12 करोड़ रुपये पहले ही जारी हो चुके हैं। सीएंडडीएस सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू करेगा। गोरखपुर शहर से रोजाना तकरीबन 600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। वार्ड स्तर पर ही ठोस और गीले कूड़े को अलग-अलग किया जाएगा। इसके बाद इसे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक ले जाया जाएगा। जहां सूखे कूड़े से बिजली और गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी। बचे अवशेष से लैंडफिल साइट के अलावा वेस्ट टू एनर्जी (कूड़े से बिजली) बनाने का प्लांट लगाया जाएगा। 

गोरखपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और झांसी में लगेंगे प्लांट

 शहर में जगह-जगह फेंका जाने वाले मलबे को मशीन से पीसकर इसका उपयोग निर्माण कार्यों में करने की योजना है। शौचालयों से निकली गंदगी को घरों से इकट्ठा करने के लिए विशेष वाहन की भी खरीद की जाएगी। गोरखपुर के साथ ही लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और झांसी नगर निगमों में प्लांट की स्थापना की अनुमति मिल गई है। शौचालयों से निकली गंदगी को सक्शन मशीनों के माध्यम से टैंकरों में इकट्ठा किया जाता है। 

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