Gorakhpur News: महिला को हथियार बना दर्ज कराता था फर्जी रेप केस, मामला खुला तो लगा गैंगस्टर, एक करोड़ की संपत्ति जब्त

Gorakhpur News: पुलिस का कहना है कि विकास सिन्हा नर्सिंग होम प्रबंधक से होटल मालिक बनने की फिराक में था। इसके लिए उसने ठगी का जाल बिछाया। करीब एक करोड़ से अधिक की ठगी करने के बाद उसने एक अस्पताल भी खोला, लेकिन वह संचालित नहीं हो सका।

Update: 2024-06-16 02:05 GMT

पुलिस ने एक करोड़ की सम्पत्ति जब्त की (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महिलाओं को हथियार बनाकर बड़े-बड़े लोगों को रेप के फर्जी केस में फंसाकर रंगदारी वसूलने वाले गैंग लीडर विकास सिन्हा पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने विकास पर गैंगस्टर लगाते हुए उसकी एक करोड़ कीमत की जमीन को जब्त कर लिया है। पुलिस उसके और संपत्ति की जांच कर जब्ती की तैयारी में है।

विकास सिन्हा ने कोरोना के समय पहले नर्सिंग होम में साझेदारी की। दर्जनों लोगों की मौत का जिम्मेदार कोरोना के बाद फर्जी दुष्कर्म का केस दर्ज कराकर रंगदारी वसूलने वाले गिरोह के सरगना बन गया। पुलिस ने विकास सिन्हा की एम्स इलाके की जमीन को जब्त कर लिया गया। जमीन की सरकारी कीमत 40 लाख रुपये है, जबकि वर्तमान में यह एक करोड़ रुपये की बताई जा रही है। अवैध कमाई से अर्जित संपत्ति पर प्लाटिंग करके बेचने के नाम पर विकास सिन्हा फिर से जालसाजी करने की तैयारी में था। लेकिन जेल में रहने के दौरान ही पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज कर संपत्ति जब्त कर लिया।

पुलिस का कहना है कि विकास सिन्हा नर्सिंग होम प्रबंधक से होटल मालिक बनने की फिराक में था। इसके लिए उसने ठगी का जाल बिछाया। करीब एक करोड़ से अधिक की ठगी करने के बाद उसने एक अस्पताल भी खोला, लेकिन वह संचालित नहीं हो सका। 24 अप्रैल को विकास सिन्हा और उसके गिरोह में शामिल महिलाओं समेत पांच लोगों पर गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। एसएसपी गोरखपुर डॉ.गौरव ग्रोवर का कहना है कि दुष्कर्म का फर्जी केस दर्ज कराने वाले विकास सिन्हा और उसके गिरोह पर गैंगस्टर का केस दर्ज है। उसकी 40 लाख की संपत्ति जब्त कर ली गई है। उसकी अन्य संपत्ति को तलाशा जा रहा रहा है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

दर्जनों लोगों से की ठगी

विकास कुमार सिन्हा पादरी बाजार स्थित एक नर्सिंग होम में प्रबंधक था। इसी के जरिए वह दवा के कारोबार में भी घुस गया। इस दौरान उसकी जान-पहचान कई व्यापारियों से हो गई। उसने व्यापारी संजय अग्रवाल से छह लाख रुपये व एक एसी, प्रवीन प्रकाश से आठ लाख रुपये व एसी, अमित सिंह से पांच लाख रुपये, अमृत से 22 लाख रुपये, संजीव पांडेय से छह लाख, आलोक श्रीवास्तव से छह लाख, इम्तियाज से दस लाख रुपये की ठगी की।

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