Manish Gupta murder Case: मनीष गुप्ता हत्याकांड के सभी आरोपी पुलिसकर्मियों भेजा जाएगा तिहाड़ जेल, नहीं कर पाएंगे मनमानी

Manish Gupta Murder Case : कारोबारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta murder case) की मौत मामले में सभी 6 आरोपी पुलिसकर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-02-20 04:50 GMT

मनीष गुप्ता हत्याकांड (Social Media)

Manish Gupta Murder Case : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta murder case) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में सभी 6 आरोपी पुलिसकर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सभी आरोपियों को 5 दिन के अंदर दिल्ली के तिहार जेल में शिफ्ट किया जाएगा। 26 फरवरी को सभी आरोपियों को तिहाड़ जेल में पेश कर मामले की सुनवाई की जाएगी। दरअसल, दिल्ली सीबीआई कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की जिम्मेदारी गोरखपुर जेल प्रशासन को दी है। कथित रूप से कहा जा रहा था कि यहां रहकर वह जांच को प्रभावित कर रहे हैं। इसीलिए पीड़िता मीनाक्षी गुप्ता ने इन्हें तिहाड़ जेल शिफ्ट करने की मांग की थी।

शनिवार को हुई थी पेशी

सभी आरोपी शनिवार को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट (Delhi CBI Court) में वर्चुअल पेश हुए थे। मामले में पीड़िता मीनाक्षी गुप्ता के वकील केके शुक्ला भी मौजूद थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पहले इस संदेह को दूर किया कि आरोपी पुलिसकर्मियों को गोरखपुर नहीं, बल्कि तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इसके लिए आदेश जारी किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि मीनाक्षी गुप्ता ने कोर्ट में अपील दाखिल की थी ।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला

फिलहाल, सीबीआई ने लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जबकि मामले में सभी 6 आरोपी पुलिसकर्मी गोरखपुर जेल में बंद हैं। वहीं, सीबीआई जांच से पहले ही मीनाक्षी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले की सुनवाई दिल्ली में कराने का अनुरोध किया था।

क्या है पूरा मामला

कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की रात गोरखपुर के एक होटल में अपने दोस्तों के साथ ठहरे थे। देर रात रामगढ़ताल थाने की पुलिस ने उनके कमरे में दबिश दी। चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों और मनीष के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद मनीष गुप्ता की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले को हादसा बताने की कोशिश की। हालांकि, गोरखपुर पुलिस इसे हादसा बताने में जुटी रही और आरोपियों को बचाने की कोशिश करती रही।

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