Purvanchal Expressway Link Road: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से 'लिंक' होगा CM सिटी का विकास, औद्योगिक गलियारे से निकलेंगी नौकरियां
Purvanchal Expressway Link Road: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है। इस एक्सप्रेस-वे पर पांच स्थानों पर औद्योगिक गलियारा बनेगा।
Purvanchal Expressway Link Road: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) को देश को समर्पित करने के बाद पूर्वांचल के प्रमुख केन्द्र गोरखपुर में औद्योगिक विकास की उम्मीदें कुलांचे मारने लगी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (purvanchal expressway link road gorakhpur) का काम तेजी से चल रहा है। इस एक्सप्रेस-वे पर पांच स्थानों पर औद्योगिक गलियारा बनेगा। जिसे लेकर उद्यमियों द्वारा प्रस्ताव आने लगा है। इसी गलियारे में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) (Gorakhpur Industrial Development Authority (GIDA)) 1200 एकड़ जमीन औद्योगिक विकास के लिए अधिग्रहित कर रहा है। यहां उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमियों की तरफ से प्रस्ताव आने लगे हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लिंक रोड गोरखपुर का नक्शा (Purvanchal Expressway Link Road Gorakhpur Map)
अप्रैल 2022 तक पूरा होने वाला लिंक एक्सप्रेस जहां पिछड़े दक्षिणांचल के विकास की नई कहानी लिखेगा, वहीं इसके वजूद में आने के बाद इलाके का औद्योगिक विकास भी होगा। करीब 91 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेस का 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। लिंक एक्सप्रेस-वे गोरखपुर बाईपास (gorakhpur bypass road project) एनएच-27 ग्राम जैतपुर के पास से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर आजमगढ़ जिले में समाप्त होगा।
एक्सप्रेस वे से जनपद गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ आदि जिले जुड़ेंगे। यह लिंक एक्सप्रेस वे की चौड़ाई फोरलेन जितनी होगी लेकिन इसकी संरचना छह लेन की होगी। लिंक एक्सप्रेस वे सदर, सहजनवां और खजनी तहसील होते हुए घनघटा तहसील के चार गांवों से होकर जाएगा। यह आंबेडकर नगर होते हुए आजमगढ़ जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से मिल जाएगा। भविष्य में छह लेन तक इसका विस्तार किया जा सकेगा।
औद्योगिक गलियारे फैक्ट्रियों की स्थापना को लेकर आने लगे प्रस्ताव
गीडा क्षेत्र के भगवानपुर, नरकटहा, तालनवर एवं बाघागाड़ा का औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत नोटिफिकेशन निकाला गया था। मास्टर प्लान में भू उपयोग निर्धारित हो जाने के बाद इस क्षेत्र का विकास हो सकेगा। इन गांवों में अधिग्रहीत एवं शेष भूखंडों का भू उपयोग ड्राफ्ट से पता लगाया जा सकेगा। इसी औद्योगिक कारीडोर में टेक्सटाइल पार्क को भी स्थापित किया जाना है। इसके लिए उद्यमियों ने अपनी तरफ से मांग की है। करीब 100 एकड़ में इसका विकास होना है।
वहीं गीडा के प्रमुख उद्यमी आरिफ साबिर ने 40 करोड़ निवेश कर प्लाई और माइका की फैक्ट्री स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद की अध्यक्षता में मंगलवार को विकास भवन में यूपीडा और गीडा के उद्यमियों की मौजूदगी में लिंक एक्सप्रेस के गलियारे में औद्योगिक विकास को लेकर चर्चा हुई। यूपीडा की तरफ से सर्वे किया जा रहा है कि औद्योगिक गलियारे में किस तरह के उद्योग लगे। लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष दीपक कारीवाल की तरफ से मेडिकल हब को लेकर प्रस्ताव रखा गया।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक गलियारे में मेडिकल उद्योग को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए। गोरखपुर मेडिकल के क्षेत्र में अपने आप में एक हब है। 100 किलोमीटर के दायरे में पूरा बिहार और पूरा नेपाल इस पर निर्भर है। गोरखपुर में एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहले से है। साथ ही हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना प्रदेश सरकार द्वारा हो रही है। इन सभी को देखते हुए गोरखपुर को चिकित्सा के क्षेत्र में एक हब बनाया जा सकता है। वहीं कुछ उद्यमियों ने रेडीमेड गारमेंट के विस्तार को लेकर चर्चा की।
औद्योगिक विकास के लिए 1200 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
करीब 5876.68 करोड़ की लागत से बन रहे एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाना है। पांच स्थानों पर औद्योगिक विकास किये जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भंडारण गृह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हो सकेगी। साथ ही परियोजना के आसपास के क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को भी बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के नजदीक इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना के लिए भी अवसर मिलेंगे।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों ओर विकसित होने वाले औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत चार गांवों के सुनियोजित विकास की रूपरेखा गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) द्वारा तैयार किया गया है। (गीडा की ओर से नियुक्त फर्म द्वारा तैयार मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को गीडा की वेबसाइट पर 28 अक्टूबर से लोगों के अवलोकन के लिए अपलोड किया गया है। इस ड्राफ्ट पर आपत्तियां एवं सुझाव 27 नवंबर तक प्रस्तुत किया जा सकता है।
उद्यमियों ने कहा, विकास से 'लिंक' होगा गोरखपुर
चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लिंक एक्सप्रेस जुड़ने से बेहतर कनेक्टिविटी होगी। जिससे औद्योगिक विकास होगा। औद्योगिक गलियारा विकसित होने से उद्यमियों को राहत होगी। यदि सस्ते में जमीन और बिजली मिलेगी तो पूर्वांचल में रोजगार सृजन हो सकता है। फूड और रेडीमेड गारमेंट से जुड़े उद्योगों की यहां पर्याप्त संभावना है।
वहीं लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष दीपक कारीवाल का कहना है कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ बनने वाले औद्योगिक गलियारे से काफी उम्मीदें हैं। पूर्वांचल में सबसे अधिक बाधक जमीन की उपलब्धता है। सस्ती औद्योगिक जमीन मिलने से निवेश रास्ते खुलेंगे। इसे लेकर प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारी फिक्रमंद दिख रहे हैं।
पूर्वांचल में करीब 700 करोड़ से सरिया की नई फैक्ट्री स्थापित करने वाले निखिल जालान का कहना है कि औद्योगिक विकास बिना बेहतर कनेक्टिविटी के संभव नहीं है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के बाद गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस पर तेजी से काम हो रहा है। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ तेज होगा। इससे सरिया से लेकर हर वस्तु की मांग बढ़ेगी। पूर्वांचल विकास को लेकर फोकस में आएगा।
वहीं फर्नीचर कारोबारी डॉ.आरिफ साबिर का कहना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के वजूद में आने के बाद औद्योगिक गतिविधियां ही नहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम में तेजी आएगी। इससे सभी तरह के उद्योगों को बूस्टर डोज मिलेगा। लिंक एक्सप्रेस वे से एक बड़े इलाके में विकास की गंगा बहेगी जो दशकों से पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है।