Jaunpur News: चेयरमैन केन्द्रीय उपभोक्ता भंडार का खेल, करोड़ों की जमीन पर कर दिया घोटाला

सिविल कोर्ट में वशिष्ठ नारायन बनाम उपभोक्ता भंडार बाद विचाराधीन है।

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-10-14 12:11 GMT

जौनपुर चेयरमैन केन्द्रीय उपभोक्ता भंडार का खेलः (social media)

Jaunpur Today News: जनपद के केंद्रीय उपभोक्ता भंडार (Jaunpur chairman kendriye bhandar) में चेयरमैन एवं एक व्यवसायी की साजिश से करोड़ों रुपये के जमीनी घोटाले की खबर प्रकाश में आयी है। हालांकि अब केंद्रीय उपभोक्ता भंडार (kendriye bhandar) के बोर्ड की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा पूरे मामले की जांच बैठा दी गयी है। केंद्रीय उपभोक्ता भंडार के घोटाले (Ghotala) की जांच एसडीएम सदर/ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल (SDM Himashu Nagpal) को सौंपी गई है। बता दें कि केंद्रीय उपभोक्ता भंडार की कलेक्ट्रेट चौराहा के पास सिविल लाइन मार्ग (Civil line marg) पर बेशकीमती जमीन है। जिसमें एक व्यवसायी आधुनिक जलपान गृह भी किराये पर चला रहे हैं। इस प्रतिठान के मालिक द्वारा आसपास की करोड़ों की जमीन पर सरकारी अभिलेख में हेरा फेरी कर कब्जा जमा लिया गया है। इस संबंध में सिविल कोर्ट में वशिष्ठ नारायन बनाम उपभोक्ता भंडार बाद विचाराधीन है। 

बोर्ड के सदस्यों को होते ही हड़कंप मच गया

खेल यह हुआ है कि उपभोक्ता भंडार (Upbhokta Bhandar) के चेयरमैन ने आधुनिक जलपान गृह के स्वामी से मिलकर बोर्ड की सहमति के बगैर ही कोर्ट में जाकर सुलह कर लिया है। कहा जाता है कि इस सुलह पर हस्ताक्षर बनाने के लिए चेयरमैन ने व्यवसायी से लम्बी धनराशि की वसूली भी की है। उपभोक्ता भंडार के चेयरमैन द्वारा सुलह करने के बाद आधुनिक मिष्ठान के मालिक ने एक पक्षीय आदेश भी अपने पक्ष में पारित करा लिया। इस घोटाले की जानकारी बोर्ड के सदस्यों को होते ही हड़कंप मच गया। बोर्ड के सदस्यों ने पूरे जाल फरेब और घटना क्रम से सिविल कोर्ट को अवगत कराते हुए फैसला बदलने का आग्रह किया। साथ ही शिकायती पत्र जिलाधिकारी को देते हुए यहां के घोटाले की जांच कराने की मांग की। जिस पर जिलाधिकारी ने सच को बाहर लाने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर हिमांशु नागपाल को जांच अधिकारी नामित कर दिया है। 

जांच अधिकारी ने सभी रजिस्टर अपने पास मांगा है

डीएम (DM) के आदेशानुसार ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने जांच भी शुरू कर दिया है। दूसरी ओर सिविल कोर्ट भी अपने फैसले पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है। जांच अधिकारी के जांच प्रक्रिया के दौरान एक बात यह भी सामने आयी है कि उपभोक्ता भंडार के पास सरकारी सचिव और कर्मचारी रहने के बावजूद चेयरमैन कार्यवाही रजिस्टर के साथ सभी तरह के रजिस्टर आदि अपने कब्जे में घर ले जा कर रख लिये हैं और उसमें मनमाने प्रस्ताव लिखने से लेकर बोर्ड के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर आदि बनाने तक खेल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। खबर है कि जांच अधिकारी ने सभी रजिस्टर अपने पास मांगा है। यहां बताना जरूरी है कि केन्द्रीय उपभोक्ता भंडार के नियमावली में उल्लेख है कि बगैर बोर्ड की सहमति और कार्यवाही रजिस्टर पर प्रस्ताव लिखकर सभी सदस्यों हस्ताक्षर के बगैर चेयरमैन अकेले कोई भी काम नहीं कर सकेगा। इसके बाद भी बिना किसी बैठक को कराये ही आधुनिक जलपान गृह के मालिक से सिविल कोर्ट के मुकदमा बशिष्ट नरायन सिंह बनाम केन्द्रीय उपभोक्ता भंडार में सुलह कर लिया गया और व्यवसायी करोड़ों की जमीन को हथियाने में सफल रहा। यहां एक बात यह भी बताना जरूरी है कि उपभोक्ता भंडार के वर्तमान चेयरमैन भाजपा के कार्यकर्ता हैं तो व्यवसायी भाजपा के प्रबल विरोधियों में शामिल है और समाजवादी पार्टी से नाता रखते हैं। 

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