UP Election 2022: ओपी राजभर की विधानसभा सीट विकास से कोसों दूर, साल 2017 में बने थे विधायक

UP Election 2022: सपा के विजय रथ में घुमने वाले सुभाषपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय ओमप्रकाश राजभर 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के जहुराबाद विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे।

Report :  Rajnish Mishra
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-01-19 17:55 IST

ओपी राजभर की तस्वीर 

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में मात्र कुछ दिन ही शेष बचे है। ऐसे में गाजीपुर जनपद के जहुराबाद विधानसभा में जब अपना भारत न्यूजट्रैक की टीम जनता का मुड जानने पहुंची की यहां की जनता क्या फिर से ओमप्रकाश (OM Prakash Rajbhar Zahoorabad Assembly Constituency) को विधायक के रूप में देखना चाहती है। तो यहां के लोगों ने टीम से ही सवाल करते हुए कहा की कहा है। ओमप्रकाश और उनका विकास पांच साल में तो कही दिखाई नहीं दिये। और ना ही उनका काम दिखा।

ओमप्रकाश 2017 में पहली बार जहुराबाद से बने थे विधायक

सपा के विजय रथ में घुमने वाले सुभाषपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय ओमप्रकाश राजभर 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के जहुराबाद विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे। उस समय सुभाषपा का गठबंधन भारतीय जनता पार्टी से था।जिसका नतीजा रहा की ओमप्रकाश राजभर पहली बार जहुराबाद विधानसभा से जीत कर विधानसभा सभा पहुंचे। और योगी केबिनेट में मंत्री पद की शपत ली।

ओमप्रकाश राजभर जब विधायक बने तब जहुराबाद की जनता को लगा की अब जहुराबाद क्षेत्र का विकास होगा ।लेकिन अफसोस जहुराबाद जहां था,वहीं रह गया।जहुराबाद की जनता ने बताया की विकास तो छोड़िए ओमप्रकाश अपने विधानसभा क्षेत्र में आम लोगों के बीच कितने बार आये है। वो बता दें यहां की जनता पुछ रही है।

विकास से कोसों दुर जहुराबाद विधानसभा

जहुराबाद विकास के मामले में कोसों दुर है।इस विधानसभा से 1980 से 85 तक सुरेन्द्र सिंह विधायक रहे।उस समय सुरेन्द्र सिंह.ने कुछ काम किया।फिर सन् 89 वीरेन्द्र सिंह विधायक बने वो भी जहुराबाद को आगे बढ़ाने में दो कदम चले ।इसके बाद दौर आया 1991 का फिर से सुरेन्द्र सिंह जहुराबाद से विधायक बने।और जहुराबाद में अच्छा भला काम किया।

ओपी राजभर की तस्वीर 

इसके बाद बाराचवर गांव निवासी इश्तियाक अंसारी बसपा के टिकट पर असेंबली पहुंचे।और मंत्री भी बने लेकिन इस क्षेत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया।फिर 1996 में भाजपा के टिकट पर गणेश राजभर विधायक बने वो भी जहुराबाद पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया।2002 में बसपा के टिकट पर कालीचरण राजभर विधायक बने।

इनके विधायक बनने पर लगा की जहुराबाद का विकास होगा लेकिन कालीचरण अपना ही विकास करने में लगे रहे।यही नहीं कालीचरण अपने विकास के साथ साथ।अपने चेलों का भी विकास किया। लेकिन जहुराबाद का विकास नहीं किया। 2012 में सपा के टिकट पर गंगौली निवासी शादाब फातिमा यहां से विधायक बनी सपा सरकार में मंत्री भी बनी लेकिन जहुराबाद क्षेत्र में कोई खास काम नजर नहीं आया।फिर आया 2017 का विधानसभा चुनाव और यहां से विधायक बने बड़बोले ओमप्रकाश राजभर ,ओमप्रकाश राजभर भाजपा कैबिनेट में मंत्री में मंत्री भी बने।लेकिन अपने क्षेत्र के विकास से ज्यादा बड़बोलेपन में ही रह गये।

जहुराबाद के विधायक ओमप्रकाश राजभर पांच साल तक यहां की जनति को सिर्फ गुमराह करने का काम किया है।यहां की जनता कहती है,की ओमप्रकाश काम सिर्फ पाला बदलना व दुसरे के उपर बेतुका बयान देना है।जहुराबाद की जनता ओमप्रकाश से पुछ रही है।की विधायक जी पांच साल में आप ने क्या काम किया है,बता दिजिए।

अब जहुराबाद की जनता ओमप्रकाश के बहकावे में नही आने वाली है।क्षेत्रीय जनता ने कहा की अगर ओमप्रकाश राजभर व इनके युवराज अगर जहुराबाद से चुनाव लड़ेंगे तो इनके कामों का हिसाब यहां की जनता करेगी।ओमप्रकाश राजभर के पांच सालों के कामों पर नजर डाले तो।कही काम के नाम पर गिट्टी गिरा कर छोड़ दिया गया।

तो बाराचवर जैसे अन्य चौराहों पर आचार संहिता से दो चार दिन पहले एक बिजली का खम्भा लगा दिया गया।ये ही उनका विकास है।अरे माननीय जी आप सिर्फ पाला बदलिये और विजय रथ में घूमिए।ओमप्रकाश राजभर के उपर एक कहावत सटीक बैठती है।अपना तोन निहारना नहीं दुसरे का तोन निहारते चले।मतलब अपना काम देखना नहीं दुसरे की कमियां गिनाने चले।

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