President Ramnath Kovind In Prayagraj: राष्ट्रपति ने प्रयागराज में 640.37 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का किया शिलान्यास

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संगम नगरी प्रयागराज में 640.37 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता चेंबर की बिल्डिंग और मल्टी लेवल पार्किंग की आधारशिला भी रखी।

Report :  Syed Raza
Published By :  Ashiki
Update: 2021-09-11 11:19 GMT

परियोजनाओं का शिलान्यास करते राष्ट्रपति 

Prayagraj: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind ) ने संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में 640.37 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता चेंबर की बिल्डिंग और मल्टी लेवल पार्किंग की आधारशिला भी रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।

न्यायपालिका में अभी 12% से कम महिलाओं की हिस्सेदारी

इतिहास का जिक्र करते हुए महामहिम ने बताया कि 1925 में भारत की पहली महिला वकील का पंजीकरण इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही हुआ। राष्ट्रपति ने हाल ही में नियुक्त तीन महिला न्यायाधीशों के बारे में बताया। कहा, ये ऐतिहासिक है। महिलाओं में हर तरह के लोगों को न्याय देने की क्षमता होती है। सही मायने में न्यायपूर्ण समाज की स्थापना तभी संभव होगी जब न्यायपालिका में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी। अभी 12% से भी कम इनकी संख्या है। इनकी संख्या को बढ़ाना होगा। आशा करता हूं कि देश के इस बड़े हाईकोर्ट में महिला अधिवक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

सबको न्याय मिले, इसपर काम करना होगा

राष्ट्रपति ने कहा, सबको न्याय मिले इसके लिए काम करना होगा। ये चुनौती है। आम लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास जगाना होगा। लंबित मामलों को जल्द से जल्द निस्तारित करना चाहिए। जजों की संख्या बढ़ाकर और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने से ही न्याय प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर दुनिया के लोग स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपना लेते तो 9/11 जैसी घटनाएं नहीं होती।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आज का डिजिटल युग है। आम जन को सरलता से न्याय दिलाने के लिए हम लोग तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। डिजिटल माध्यम से अब मामलों की सुनवाई होगी। 70 करोड़ रुपए इसके लिए स्वीकृत किए गए हैं। प्रयागराज का हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा न्यायालय है। 24 करोड़ जनता यहां न्याय के लिए आती है। यहां 4 हजार वाहनों को पार्क करने के लिए हाईकोर्ट में पार्किंग बन रही है। इसके अलावा 6 हजार अधिवक्ताओं के लिए चैंबर बनाए जा रहे हैं।

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