CMO आफिस में कांड! बिना परमीशन के चल रहा था ये काम, फिर हुआ ये

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आफिस कैम्पस में ही डब्ल्यूएचओ वर्ल्ड हेल्थ केयर सेंटर बना हुआ है। इस सेंटर में लोहे आदि का बड़ी संख्या में कबाड़ रखा हुआ था। जिस पर सीएमओ आफिस में तैनात लिपिक शैलेंद्र सिंह की निगाह लगी हुई थी।

Update: 2019-11-14 14:44 GMT

रायबरेली: सीएमओ आफिस में तैनात लिपिक ने ऐसा क़दम उठाया कि इसकी जानकारी होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी को जवाब नहीं देते बना। मीडिया का कैमरा आन होते ही जिम्मेदार अधिकारी हाथ से अपना मुंह छिपाते हुए नजर आए। और ये सारा मंजर कैमरे में क़ैद हो गया।

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जानकारी के अनुसार जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आफिस कैम्पस में ही डब्ल्यूएचओ वर्ल्ड हेल्थ केयर सेंटर बना हुआ है। इस सेंटर में लोहे आदि का बड़ी संख्या में कबाड़ रखा हुआ था। जिस पर सीएमओ आफिस में तैनात लिपिक शैलेंद्र सिंह की निगाह लगी हुई थी। वो मौके की तलाश में था के जैसे मौका मिले तत्काल कबाड़ को आनन-फानन में औने-पौने दाम में बाजार में बेंच दिया जाए।

इस क्रम में गुरुवार को शैलेंद्र की बल्ले-बल्ले हो गई, उसने जैसे ही देखा के आफिस ख़ाली है साहब बैठे नहीं है झट उसने एक कबाड़ी को ठेले के साथ बुलाया। जब कबाड़ी अपना ठेला लेकर पहुंचा तब लिपिक ने सेंटर का दरवाजा खोलकर उसमें रखे कबाड़ को बेचना शुरू कर दिया। इसी बीच मीडिया का खूफिया कैमरा वहां पहुंच गया। फिर क्या था लिपिक शैलेंद्र की सारी करतूत कैमरे में क़ैद हो गई।

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इसके बाद जब प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी शरद कुमार वर्मा से इस मामले में बात की जाने लगी तो वो कैमरा आन देख हाथों से मुंह छिपाने लगे। हां उन्होंने इतना जरुर बताया कि बग़ैर टेंडर सरकारी कबाड़ को भी बेचा नहीं जा सकता। मामले की जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।

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