यहां इमरजेंसी में चलती दारू पार्टी,इलाज करवाना खतरे से खाली नहीं
भले ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सत्ता की कमान संभालते ही सरकारी विभागों में पान , बीड़ी, सिगरेट, आदि नशीली वस्तुओं के प्रयोग पर रोक लगाने के कड़े आदेश दिए हो, लेकिन रायबरेली के स्वास्थ विभाग को मुख्यमंत्री के इस आदेश से कोई फर्क नही पड़ता। बीमार मरीजों को अच्छी स्वास्थ
रायबरेली: भले ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सत्ता की कमान संभालते ही सरकारी विभागों में पान,बीड़ी, सिगरेट,आदि नशीली वस्तुओं के प्रयोग पर रोक लगाने के कड़े आदेश दिए हो, लेकिन रायबरेली के स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री के इस आदेश से कोई फर्क नही पड़ता।बीमार मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जाता है लेकिन ये दावे सिर्फ हवा हवाई ही साबित हो रहे है।
धरती का भगवान माने जाने वाले डॉक्टर और उसके साथ काम करने वालो को भी वही दर्जा मिला है लेकिन रायबरेली जिला अस्पताल में रात में इलाज करवाना खतरे से खाली नही है क्योंकि रायबरेली जिला अस्पताल की इमरजेंसी शाम होते ही बार मे तब्दील हो जाती है। और फिर यहां शुरू होता है शराब पीने और पिलाने का दौर जिसमे मौजूद होते है
इमरजेंसी में काम करने वाले डॉक्टर, कर्मचारी और उनके चहेते दवा व्यवसायी। रायबरेली जिला अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग में मौजूद शराब की यह बोतले यहां की हकीकत खोल रही है कि किस तरीके से यहां अधिकारियों की नाक के नीचे इतना घिनौना खेल चल रहा है। यहां के डॉक्टर और कर्मचारी अपनी मौज मस्ती के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से भी बाज नही आ रहे है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी की हकीकत खुलने पर वहां तैनात डॉक्टर अतुल पांडये कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए कि उनकी मौजदूगी में यह सब कैसे चल रहा है।
क्या कहना है सीएमओ का
इस मामले पर सीएमओ डीके सिंह ने कहा की यह गम्भीर मामला है हम इसकी जांच करा कर जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही करेंगे ।