MLC दिनेश सिंह बेनकाब: पूर्व सांसद के बेटे ने खोली पोल, दिया ये अल्टीमेटम

बता दें कि उक्त गेट जिला पंचायत के मद से लगवाया गया है। इत्तेफाक से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भी एमएलसी दिनेश प्रताप के भाई ने संभाल रखी है।

Update: 2020-09-20 04:04 GMT
इस द्वार गेट के लगने के बाद पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह के पुत्र मनीष सिंह ने आपत्ति जाहिर की है। सोशल मीडिया पर बाकयदा गेट की फोटो डालकर मनीष सिंह ने एमएलसी दिनेश सिंह के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया।

रायबरेली: कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह भले ही बीते कुछ समय से बीजेपी के करीब हो गई हों। लेकिन कांग्रेस से बगावत करके बीजेपी की गोद में बैठने वाले एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह से उनका मतभेद बरकरार है। अब उनके ही परिवार का एक नया मामला सामने आया है, जिसने रायबरेली की सियासत को गरमा दिया है।

पूर्व सासंद के पुत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर किया विरोध

दरअसल यहां बीजेपी के टिकट पर सोनिया गांधी के मुकाबले पर चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के बागी विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह की रणनीति के तहत पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह के नाम पर द्वार गेट लगाया गया है। बता दें कि उक्त गेट जिला पंचायत के मद से लगवाया गया है। इत्तेफाक से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भी एमएलसी दिनेश प्रताप के भाई ने संभाल रखी है।

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सासंद के बेटे ने MLC को किया बेनकाब (फाइल फोटो)

इस द्वार गेट के लगने के बाद पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह के पुत्र मनीष सिंह ने आपत्ति जाहिर की है। सोशल मीडिया पर बाकयदा गेट की फोटो डालकर मनीष सिंह ने एमएलसी दिनेश सिंह के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया। मनीष ने लिखा कि 'ठाकुर धुनी सिंह का पत्थर और अशोक सिंह का स्मृति द्वार' समझ से परे है। आजतक हम लोगों ने अपने परिवार के नाम से कुछ नही किया। जो किया गरीब-असहाय और मजलूमों के लिए किया।

MLC की फूट डालो राज करो नीति को किया फेल

सासंद के बेटे ने MLC को किया बेनकाब (फाइल फोटो)

यही नहीं मनीष ने आगे लिखा कि दिनेश प्रताप सिंह जो पैसा आपका लगा है कल आपको चेक द्वारा जिला पंचायत को भुगतान कर देंगे। इसको हटा लीजिए या मुझे हटाना पड़ेगा? आपको यहां बता दें कि मनीष सिंह अदिति सिंह के रिश्ते में भाई हैं।

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एमएलसी ने ये कदम उठाकर मनीष की नजर में खुद को बेहतर बताते हुए परिवार में फूट डालो और राज करो की नीति अपना रहे थे। जिसे भांप कर मनीष ने ये कदम उठाय़ा है ऐसा कहा जा रहा।

रिपोर्ट- नरेन्द्र सिंह

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