Raebareli News: रायबरेली में हुआ था जलियांवाला बाग कांड, हर साल मनाया जाता है शहीद दिवस

Raebareli News: अंग्रेज़ों के शासनकाल में यहाँ एक ऐसी घटना घटी थी। जिसे इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता।

Report :  Narendra Singh
Update:2024-01-07 17:36 IST

रायबरेली में हुआ था जलियांवाला बाग कांड (न्यूजट्रैक)

Raebareli News: जिले में रविवार (सात जनवरी) को शहीद दिवस मनाया गया। अंग्रेज़ों के शासनकाल में यहाँ एक ऐसी घटना घटी थी। जिसे इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता। रायबरेली का इसे मिनी जलियांवाला बाग कांड नाम से जाना जाता है। इस दिन यहाँ किसानों को तीन तरफ से घेरकर उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थी। तीन तरफ से गोलियां और चौथी तरफ थी सई नदी। उफान मारती नदी और गोलियों की बौछार से बचने के लिए किसान इसी नदी में कूदे तो थे जान बचाने के लिए लेकिन यहाँ भी उन पर फायरिंग जारी रही और नतीजे के तौर पर इसका रंग रक्त से लाल हो गया था। घटना है 5 जनवरी 1921 की।

अंग्रेज़ शासकों के निर्देश पर स्थानीय तालुकेदार और जमींदारों ने किसानों का लगान कई गुना बढ़ा दिया था। किसान इसी के विरोध स्वरूप सैकड़ों की तादाद में सई नदी के तट पर मुंशीगंज में एकत्रित हुए थे। किसानों को अपार समर्थन मिल रहा था और यह आंदोलन उग्र होता जा रहा था। किसानों के अवाहन पर ही यहाँ पंडित जवाहर लाल नेहरू भी पहुंचे थे। हालांकि नेहरू के पहुँचने पर अंग्रेज़ अफसर सतर्क हो गए और उन्हें कलेक्ट्रेट परिसर में ही नज़रबंद कर दिया।

इधर 7 जनवरी को अंग्रेज़ों ने किसान आंदोलन दबाने के लिए फायरिंग का हुक्म दे दिया। फायरिंग में सौ से ज्यादा किसानों जलियांवाला बाग की तरह तीन तरफ से घिर गए और चौथी तरफ सई नदी थी इसलिए भाग न सके। घायल किसान नदी में जान बचाने के लिए कूदे तो उन्हें भी नहीं बक्शा गया और उन पर गोलियों की बरसात हुई। उपलब्ध इतिहास के मुताबिक इस घटना में सौ से ज्यादा किसान मारे गए। इनमें से बीस से पचीस किसानों की ही शिनाख्त हो सकी। अन्य आज भी अज्ञात है। इन्ही किसानों की याद में यहाँ आज का दिन शहीद दिवस के तौर पर मनाते हुए शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये जाते हैं।

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बरेली का यह शहीद दिवस अन्याय और जुर्म का हम सब को याद दिलाता रहता है। हमें गर्व है किसानों द्वारा अंग्रेज जुल्मी शासकों द्वारा संघर्ष करके लोगों के कल्याण करने के लिए काम किए गए हैं। शहीद तट पर स्थापित शहीदों का स्मारक पीढ़ियां दर पीढ़ियां रायबरेली के मुंशीगंज कांड को जलियांवाला बाग की तरह याद दिलाता रहेगा। 

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