खतरे में राहुल गांधी के गढ़ में छात्रों का भविष्य, 5 बच्चे ही आते हैं पढ़ने

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश की योगी सरकार पर शिक्षा बजट को लेकर भले ही तंज कस रहे हों, लेकिन स्वयं उनके संसदीय क्षेत्र में चिराग तले अंधेरा है।

Update:2017-09-11 08:42 IST
खतरे में राहुल गांधी के गढ़ में छात्रों का भविष्य, 5 बच्चे ही आते हैं पढ़ने

अमेठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश की योगी सरकार पर शिक्षा बजट को लेकर भले ही तंज कस रहे हों, लेकिन स्वयं उनके संसदीय क्षेत्र में चिराग तले अंधेरा है। एक दशक से अधिक वक्त तक सांसद रहते हुए वो संसदीय क्षेत्र की शिक्षा प्रणाली को पटरी पर नहीं ला सकें हैं। आलम ये है कि अमेठी के गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बलभद्रपुर में बने प्राइमरी स्कूल के खुद का भविष्य खतरे में है, केवल 5 बच्चे ही यहां पढ़ने आ रहे हैं।

प्राथमिक विद्यालय का मामला

गौरतलब हो कि विधानसभा गौरीगंज में आने वाला क्षेत्र रानीपुर के बलभद्रपुर प्राथमिक विद्यालय बच्चों के भविष्य निर्माण के बदले अपने भविष्य पर आंसू बहा रहा है। वो भी तब जब योगी सरकार शिक्षा के रूप में कई प्रकार के जतन कर रही है। स्थिति ये है कि स्कूल में बने कमरे गिर रहे हैं। शौचालय में दरवाजे की व्यवस्था ही नहीं है। स्कूल की बिल्डिंग जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है। सालों से बिल्डिंग की डेंटिंग-पेंटिंग हुई नहीं, जिसके कारण जंगली पौधों व झंखाड़ों से स्कूल भरा पड़ा है। इससे सरकार के स्वच्छता अभियान पर भी सवाल उठ रहा है।

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2011 में 11 लाख की लागत से हुआ था निर्माण

यही नहीं बच्चों को स्कूल में मिलने वाले मिड-डे भोजन में दिए जाने वाले पोषाहार को पकाने के लिए जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है। इस तरह स्कूल आने वाले 5 बच्चे, लकड़ियां बीनकर लाते हैं। इस पर मिड-डे भोजन तैयार कर उन्हें दिया जाता है। इसके अलावा बच्चों को पानी पीने के लिए बर्तन के नाम पर स्कूल में गिलास तक मुहैया नहीं कराया जाता। बता दें कि स्कूल का निर्माण साल 2011 में 11 लाख रुपए की लागत से हुआ है। जहां अव्यवस्थाओं की खबर पाकर तत्कालीन डीएम चंद्रकांत पांडे ने स्वयं इसकी जांच की थी।

डीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश

इस बाबत डीएम योगेश कुमार ने मामले पर त्वरित कार्रवाही करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही पंचायती राज एक्ट के तहत संबंधित क्षेत्र के ग्राम प्रधान जो कि अपने क्षेत्र की समस्त राजकीय संपत्ति के रख-रखाव का जिम्मेदार है। ऐसा न कर पाने की दशा में उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश भी डीएम द्वारा दिए गए हैं। डीएम ने कहा है कि स्कूल की जर्जर व्यवस्था में जल्द ही सुधार लाया जाएगा।

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