किसानों के लिए राहुल गांधी ने की लड़ाई की शुरुआत, भाजपा का किसान प्रेम झूठा
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयन्ती 'किसान दिवस' के अवसर पर आज किसान कांग्रेस मध्यजोन की ओर से "किसान स्वाभिमान महापंचायत" का आयोजन कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अध्यक्षता में कांग्रेस कमेटी मुख्यालय पर किया गया।
लखनऊ: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बुधवार को पार्टी कार्यालय परिसर में आयोजित किसान स्वाभिमान महापंचायत में कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने जब किसानों के खिलाफ काला कानून बनाया तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका विरोध किया और किसानों के लिए लड़ाई की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आज देश का किसान अपने अधिकार के लिए दिल्ली की सड़कों पर बैठा हुआ है लेकिन कड़ाके की सर्दी में कष्ट सहने वाले किसानों को लेकर भाजपा के नेताओं में कोई संवेदना नहीं है। उनका किसान प्रेम झूठा है वह केवल अडानी और अंबानी को फायदा दिलाना जानते हैं।
किसान स्वाभिमान महापंचायत
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयन्ती 'किसान दिवस' के अवसर पर आज किसान कांग्रेस मध्यजोन की ओर से "किसान स्वाभिमान महापंचायत" का आयोजन कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अध्यक्षता में कांग्रेस कमेटी मुख्यालय पर किया गया।
हमारे नेता राहुल गांधी ने आवाज उठायी
महापंचायत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानूनों को लेकर जब हमारे नेता राहुल गांधी ने आवाज उठायी तो किसान संगठनों ने उनकी आवाज में आवाज मिलायी।
उन्होने कई प्रदेशों का दौरा किया और सरकार ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। किसान आज आत्महत्या कर रहा है। लेकिन वोट डटे रहे। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद वह पीछे नहीं हटे। उन्होंने किसानों के लिए जिस लड़ाई की शुरुआत की थी आज वह लड़ाई किसान खुद लड़ रहे हैं।
किसानों की आय दुगुनी करेंगे
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कहती थी कि किसानों की आय दुगुनी करेंगे और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करेंगे। आज किसान अपनी उपज के उचित मूल्य के लिए तरस रहा है। किसान दिवस के दिन मुख्यमंत्री को किसानों की मांग के साथ खड़ा होना चाहिए लेकिन आज किसान दिल्ली बार्डर पर आन्दोलनरत है।
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि किसानों को अपनी आवाज उठाने का मौलिक अधिकार है। लेकिन यह सरकार मानने को तैयार नहीं है। 14 दिनों में गन्ने का भुगतान न होने पर ब्याज सहित भुगतान करने की बात कही लेकिन आज चार वर्ष हो चुके हैं अभी तक हजारों करोड़ बकाया है। किसानों की बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं दिया गया।
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किसान पंचायत में पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि आजादी से पहले भी अंग्रेजों द्वारा तीन काले कानून किसानों पर थोपे गये थे उस समय भी किसानों के आन्दोलन का नेतृत्व जागरूक सरदार बिरादरी के लोगों ने किया था और शहीदे आजम सरकार भगत सिंह के पिता ने किया था। भाजपा अपने चंद पूंजीपतियों मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए जो किसान विरोधी काले कानून लायी है उसे कांग्रेस वापस लेने हेतु किसानों के साथ पूरी ताकत के साथ संघर्ष करेगी।
आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या करने के लिए विवश
कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा कि आज किसान को न तो उसके उपज का उचित मूल्य मिल रहा है और न ही उसकी लागत निकल पा रही है। भाजपा ने किसानों को दुगुनी आय का झांसा दिया और आज किसान दुगुनी आय को कौन कहे, आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहा है।
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा‘मोना’ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी जी के नेतृत्व में किसानों के संघर्ष में सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी। उन्होने कहा कि भाजपा को तीनों काले कृषि कानून वापस लेना होगा।
कार्यक्रम के आयोजक किसान कांग्रेस के अध्यक्ष तरूण पटेल ने कहा कि किसान कांग्रेस इस महापंचायत जो प्रस्ताव पारित हुए हैं चाहे वह अन्ना पशुओं की समस्या, गौशालाओं की दुर्दशा, तीनों काले कृषि कानूनों का विरोध सहित किसानों की समस्याओं को लेकर निरन्तर गांव गली, खेल खलिहान तक किसानों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं के निदान हेतु संघर्ष करेगी।
महापंचायत में पारित प्रस्ताव
महापंचायत में पारित प्रस्ताव में कहा है कि - किसान कांग्रेस के द्वारा किसान स्वाभिमान महापंचायत किसानों के जनहित के लिए बुलाई गई यह पंचायत है जिसमें वर्तमान में किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ और आने वाले समय के लिए एक ढांचागत और समयबद्ध तरीके से लड़ाई लड़ने के लिए एक संवैधानिक तौर तरीके अपनाए जाने की जरूरत है।
1. यह महापंचायत दिल्ली व देश के अन्य भागों में हमारे किसान भाई जिस तरीके से सत्य अहिंसा और सत्याग्रह के रास्ते मौजूदा सरकार से इस हाडकंपाती ठंड के दौरान भी 3 किसान विरोधी काले कानूनों के विरोध में डटे हुए हैं, यह महापंचायत उन किसानों के समर्थन में प्रस्ताव पेश करती है और वर्तमान सरकार जब तक उन तीन काले कानूनों को खत्म नहीं कर देगी यह लड़ाई जारी रहेगी।
2. गन्ना किसानों के बकाये का समयबद्ध भुगतान करने और अन्ना जानवरों की बढ़ती समस्या के समुचित निस्तारण तथा किसानों को हो रहे नुकसान के लिए सरकार अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करे और किसानों को मुआवजा प्रदान करे। जब तक इन समस्याओं का हल नहीं हेा जाता किसान कांग्रेस संगठन स्तर पर किसानों की इस लड़ाई को लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
3. किसान होने के नाते हम सबका धर्म किसानी हैं लेकिन उपज का सही दाम मिलना हमारा अधिकार है। देश के किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम0एस0पी0) की गारंटी जब तक सरकार लिखित रूप में नहीं दे देती है तब तक किसान कांग्रेस इसके लिए लड़ाई लड़ती रहेगी। कांग्रेस की मांग है कि अध्यादेश लाकर एमएसपी से नीचे की खरीद पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
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4. प्रदेश में बुनियादी ढांचा विकास के लिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (बुनियादी ढांचा विकास निधि) जो रोक रखा हैं उसे जारी करे और किसान महापंचायत इस प्रस्ताव में राज्यों के ढांचागत विकास के लिए और संघीय ढांचे को कमजोर करने की सियासी चाल का विरोध करती है।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
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