Raja Bhaiya: कहां खो गया राजा भैया का बेबाक अंदाज, राजनीति से भी बना ली दूरी!
Raja Bhaiya: बीते कुछ महीनों से राजा भैया राजनीति से गायब हैं। विधानसभा सत्र में भी नजर नहीं आए।;
Raja Bhaiya (Photo: Social Media)
Raja Bhaiya: कहा जाता है कि राजनीति में राजा भैया का सिक्का चलता है। कुंडा से विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया जब-जब चुनाव लड़ें हैं तब-तब जीते हैं। एक इंटरव्यू में राजा भैया ने ये बात कही भी थी कि जिला पंचायत जिसे चाहा उसे बनाया। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि बीते एक-डेढ़ साल से राजा की राजनीति से दूरियां बढ़ती जा रही हैं। यूपी के विधानसभा सत्र में भी नजर नहीं आए।
राजा भैया ने वर्ष 1993 में राजनीति में पहला कदम रखा। विधानसभा चुनाव 2022 में रघुराज प्रताप सातवीं बार विधायक चुने गए। राजा भैया की राजनीतिक लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक कोई चुनाव हारे नहीं है। वहीं, राजनीति में राजा भैया का बेबाक अंदाज भी लोग पसंद करते हैं। लेकिन वर्ष 2023 से राजा भैया ने पत्नी भानवी कुमारी से तलाक के लिए अर्जी दी थी। इस प्रकरण के बाद से ही राजा भैया राजनीति से दूरी दिखाई दे रही है। तलाक की अर्जी से पहले भानवी कुमारी ने कई आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि राजा भैया ने कोर्ट में तलाक याचिका में सुनवाई के दौरान सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था। भानवी कुमारी द्वारा लगातार आरोप लगाए गए। इसके साथ ही उन्होंने राजा भैया का नाम अन्य लोगों के साथ भी जोड़ा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पारिवारिक कलह के चलते राजा भैया ने राजनीति से फिलहाल थोड़ी दूरी बनी ली।
पिता भी खिलाफ
दिल्ली के साकेत कोर्ट में राजा भैया द्वारा तलाक की अर्जी दी गई थी। मामले में एक दो सुनवाई हुईं, इसके बाद केस में कोई खबर नहीं आई। इस पर राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह भी उनके खिलाफ हो गए। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'रघुराज भदरी अपने आदर्श मुल्ला मुलायम से कम नहीं'। उसके बाद कई मुद्दों में उनके और उनके पिता के वैचारिक मतभेद दिखाई दिए।
ऐसे में सियासी जानकार कह रहे हैं कि राजा अपने पिता और पत्नी की वजह से सियासत से दूरी बना रहे हैं। राजनीतिक कार्यक्रमों भी नजर नहीं आते हैं। वहीं अब राजा अपने दोनों बच्चों को कार्यक्रमों में शामिल कर रहे हैं। ये भी कहा जा सकता है कि आने वाले समय में कुछ बदलाव कर सकते हैं।
राजा का राजनीतिक सफर
राजा भैया 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित, तो 2002 और 2007, 2012 के चुनाव में एसपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए। राजा भैया, सन 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार और एसपी की मुलायम सिंह सरकार में भी मंत्री बने। वर्ष 1999 व 2000 में राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के कैबिनेट में खेल कूद एंव युवा कल्याण मंत्री बनाया गया। साल 2004 में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव की सरकार में रघुराज प्रताप खाद्य एवं रसद विभाग के मंत्री रहे। वर्ष 1993 से अब तक के चुनाव में लगातार विधायक चुने जा रहे। राजा भैया ने 2018 में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी बनाई। वर्तमान पार्टी से दो विधायक और एक एमएलसी हैं।