UP News: "सपा में कभी नैतिकता रही ही नहीं, उन्हें तो लूट-खसोट के लिए ही सत्ता चाहिए"
UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी/राज्यसभा सांसद बृजलाल ने ट्वीट करते हुए समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है।
UP News- UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी व बीजेपी से राज्यसभा सांसद बृजलाल ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। सपा को गुंडों की माफियाओं की हितैषी पार्टी करार देते हुए सांसद ने कहा कि मुलायम सिंह यादव को अतीक के कुत्ते से भी हाथ मिलाकर गर्व महसूस करते थे। इस संदर्भ में उन्होंने एक तस्वीर भी ट्वीट की। सांसद ने कहा कि सपा में कभी नैतिकता रही ही नहीं, उन्हें तो लूट-खसोट के लिए ही सत्ता चाहिये, चाहे वह जिस तरीके से हासिल हो।
उन्होंने कहा कि अतीक अहमद को फूलपुर लोकसभा सीट से वर्ष 2004 में टिकट देकर संसद सदस्य बनाया। अतीक अहमद की इलाहाबाद पश्चिम विधान सभा सीट ख़ाली हुई तो उपचुनाव में अतीक के माफिया भाई ख़ालिद को समाजवादी पार्टी का टिकट दिया। अतीक को पूरा विश्वास था कि उसके भाई को कोई हरा नहीं सकता। ख़ालिद अज़ीम को राजूपाल ने हरा दिया। अतीक इतना बौखला गया कि उसने राजूपाल की हत्या की तुरंत योजना बना ली। वह दिन था-29 जनवरी 2005, देशवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहे थे, उधर अतीक और उसका भाई ख़ालिद अज़ीम, राजूपाल की हत्या के लिए अपने हथियार तैयार कर रहे थे।
बृजलाल ने कहा कि राजू पाल मेडिकल कॉलेज गये। वहीं से उनका पीछा किया गया और कई किलोमीटर तक उनकी गाड़ी पर AK-47 से गोलियों की बौछार की जाती रही। इलाहाबाद की सड़कों पर अतीक का खूनी खेल चल रहा था और संगम नगरी के लोग स्तब्ध होकर इधर-उधर जान बचाने के लिए भाग रहे थे। कहीं 600 राउंड प्रति मिनट की दर से आग उगलती AK-47 की चपेट में न आ जाय। राजू पाल अपने कई लोगों के साथ दिनदहाड़े मारे गये। अतीक ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि जो भी उसके राजनैतिक और आर्थिक हित में बाधक बनेगा, उसका हाल राजू पाल जैसा होगा। राजू पाल ने हत्या के ठीक 9 दिन पहले पूजा पाल से शादी की थी। उनके हाथ की मेंहदी सूखी भी नहीं थी, अतीक और उसके भाई ने उन्हें विधवा बना दिया।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री रहते उनकी गिरफ़्तारी तक नहीं होने दी और जैसे ही इलाहाबाद पश्चिम सीट पर उपचुनाव हुआ, उन्होंने राजू पाल के हत्यारे ख़ालिद अज़ीम को समाजवादी पार्टी का टिकट देकर माननीय बना दिया।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि ख़ुद को पिछड़ी जाति का मसीहा कहने वाले मुलायम सिंह को यह भी नहीं देखा कि राजूपाल भी पिछड़ी जाति के हैं। समाजवादी पार्टी में कभी नैतिकता रही ही नहीं, उन्हें तो लूट- खसोट के लिए सत्ता चाहिये, चाहे वह किसी भी तरीक़े से हासिल हो। समाजवादी पार्टी ने अपनी इसी नीति के तहत प्रदेश के कुख्यात माफ़ियावों को माननीय बनाने से कोई परहेज़ नहीं किया। अतीक, ख़ालिद अज़ीम, मुख़्तार अंसारी, विजय मिश्रा, डीपी यादव, मदन भैया, अन्ना शुक्ला, कमलेश पाठक, मदन भैया, आदि कुछ उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण का मुख्य श्रेय समाजवादी पार्टी को ही जाता है। अखिलेश यादव भी उसी पुरानी नीति पर चल रहे हैं। इन्होंने तो कई कदम आगे बढ़कर आतंकवादियों के मुक़दमे वापस ले लिये थे। यह तुष्टिकरण की नीति की पराकाष्ठा थी। समाजवादी पार्टी अब भी अपराधियों आतंक आतंकवादियों और माफिया पोषक है। तस्वीरें झूठ नहीं बोलती।
- लेखक बृजलाल उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी/राज्यसभा सांसद हैं