Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर ट्रस्ट ने आडवाणी- जोशी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किया आमंत्रित
Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर ट्रस्ट इससे जुड़ी तैयारियों मे लगा हुआ है। इस महोत्सव में शामिल होने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के 4 हजार दिग्गजों को आमंत्रित किया गया है।
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में बन रहे राम लला के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस माह के अंत का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा। अगले माह यानी जनवरी 22 की तारीख को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। राम मंदिर ट्रस्ट इससे जुड़ी तैयारियों मे लगा हुआ है। इस महोत्सव में शामिल होने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के 4 हजार दिग्गजों को आमंत्रित किया गया है।
इसी कड़ी में मंगलवार को राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी को ट्रस्ट की ओर से आमंत्रित किया गया। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार और राम मंदिर ट्रस्ट के अन्य लोग दिल्ली स्थित दोनों वरिष्ठ भाजपा नेताओं के आवास पर जाकर उन्हें निमंत्रण कार्ड सौंपा और 22 जनवरी को कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया।
वीएचपी के आलोक कुमार ने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया है। इस दौरान उनसे राम मंदिर आंदोलन के बारे में बातचीत भी हुई। दोनों वरिष्ठों ने कहा कि वे आने का पूरा प्रयास करेंगे। इससे पहले 17 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री और जदएस चीफ एचडी देवेगौड़ा को ट्रस्ट की ओर कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था।
चंपत राय ने न आने का किया था अनुरोध
इससे पहले राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दोनों वरिष्ठ नेताओं की उम्र को देखते हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बनाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों के चलते उद्घाटन समारोह में शिरकत नहीं कर पाएंगे। दोनों बुजुर्ग हैं। इसलिए उनकी उम्र को देखते हुए उनसे न आने का अनुरोध किया गया है, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है।
चंपत राय ने कहा कि आडवाणी जी का होना अनिवार्य है लेकिन उनका उम्र को देखते हुए कम कहेंगे कि वे कृपया ना आएं। वहीं, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को लेकर उन्होंने कहा कि मेरी उनसे फोन पर बात हुई है। मैं उनसे फोन पर कहता रहा कि आप मत आइए और वो जिद करते रहे कि मैं आऊंगा। राय के इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था, जिसे शांत करने के लिए वीएचपी और ट्रस्ट के नेता दोनों वरिष्ठ नेताओं के घर निमंत्रण कार्ड लेकर पहुंचे।
बता दें कि 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ मंदिर से लालकृष्ण आडवाणी रथयात्रा के लिए अयोध्या स्थित राम मंदिर के लिए निकले थे। रथयात्रा के बाद ही राम मंदिर आंदोलन आम लोगों के बीच पहुंचा। जिसका भारतीय जनता पार्टी को भरपूर सियासी लाभ खासतौर पर हिंदी पट्टी के राज्यों में हुआ।