Lucknow: 'मरीज़ों को भगवान माने'! डिप्टी CM की नसीहत 'लोहिया संस्थान' को नहीं पसंद, रोगियों का है ये हाल!

Lucknow News: बुधवार को जब 'न्यूज़ट्रैक' की टीम लोहिया संस्थान की पड़ताल करने पहुंची, तो देखने को मिला कि यहां मरीज़ों के बैठने हेतु किसी भी तरह की व्यवस्था ही नहीं है।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Shreya
Update: 2022-04-20 09:15 GMT

लोहिया संस्थान में नीचे बैठने को मजबूर मरीज (फोटो- शाश्वत मिश्रा, न्यूजट्रैक)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ (Lucknow) के गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) में मरीज़ों का हाल बेहद ख़राब है। आलम यह है कि रोगियों और तीमारदारों को बैठने तक की समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही। जबकि, उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) हर मंच से यह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि 'मरीज़ों को भगवान माने। उनके साथ बर्ताव अच्छा रखें। कोई भी रोगी बिना इलाज के अस्पताल से वापस न जा सके।'

(फ़ोटो- शाश्वत मिश्रा, न्यूजट्रैक)

ज़मीन पर बैठने को मजबूर

बुधवार को जब 'न्यूज़ट्रैक' की टीम लोहिया संस्थान की पड़ताल करने पहुंची, तो देखने को मिला कि यहां मरीज़ों के बैठने हेतु किसी भी तरह की व्यवस्था ही नहीं है। उन्हें मज़बूरन फ़र्श पर बैठना पड़ता है। इन दृश्यों को देखकर किसी का भी मन विचलित हो सकता है। किसी की भी आंखें नम हो सकती हैं। हर किसी के मन में यही सवाल उठेगा कि आज 21वीं सदी में भी स्वास्थ्य सुविधाओं का ये हाल है!

(फ़ोटो- शाश्वत मिश्रा, न्यूजट्रैक)

जबकि, डिप्टी सीएम ख़ुद इतने मुस्तैद हैं, कि जिले-जिले जाकर, अस्पतालों में मरीज़ की तरह खड़े होकर, लोगों के दर्द व समस्याओं को समझकर, उसका निराकरण करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन के ऊपर भी सवाल उठते हैं कि वह इन समस्याओं को कैसे नजरअंदाज कर सकता है?

(फ़ोटो- शाश्वत मिश्रा, न्यूजट्रैक)

33 रजिस्ट्रेशन काउंटर में मात्र 15 चालू

लोहिया संस्थान में रोज़ाना 2000 से अधिक रोगी इलाज के लिए आते हैं। यहां न सिर्फ़ पूरे यूपी, बल्कि आस-पास के राज्यों के भी मरीज़ आते हैं। ऐसे में ज़ाहिर है कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ही अस्पताल में इलाज कराने का पहला चरण होता है। मग़र, दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीते वर्ष 256.71 लाख रुपये से बनकर तैयार हुए, रजिस्ट्रेशन हॉल के 33 काउंटर में से मात्र 15 काउंटर ही शुरू हो पाए हैं। जिसमें वरिष्ठ जनों, महिलाओं और ब्लड रिपोर्ट के लिये रिजर्व किये गए काउंटर भी शामिल हैं।

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