Ekatam Yatra: राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय में एकात्म मानववाद एवं रामराज्य के भाव को छात्रों को समझाया

Ekatam Yatra: वास्तव में आज के समाज को दिशा केवल आध्यात्मिक चिंतन के द्वारा ही दी जा सकती हैं और उसके संवाहक युवा ही हो सकते हैं जो एक सशक्त भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

Report :  Network
Update:2022-12-21 17:06 IST

राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय पहुंची एकात्म यात्रा

Ekatam Yatra: एकात्म यात्रा अपनें 13वें कार्यक्रम को लेकर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय पहुंची, जहाँ छात्रों के बीच एकात्म संवाद किया गया। बता दें कि उत्तर प्रदेश में "एकात्म यात्रा" 17 दिसंबर से शुरु हुई है जो 25 दिसंबर 2022 तक चलेगी। आज यात्रा के पंचम दिवस के विश्वविद्यालय कार्यक्रम में क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख मिथलेश मुख्य वक्ता के रूप में रहे। उन्होंने पं0 दीनदयाल  के एकात्म मानववाद एवं रामराज्य के भाव को संयुक्त रूप से उपस्थित लगभग 150 छात्रों को समझाया।


वास्तव में आज के समाज को दिशा केवल आध्यात्मिक चिंतन के द्वारा ही दी जा सकती हैं और उसके संवाहक युवा ही हो सकते हैं जो एक सशक्त भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। एकात्म यात्रा के संयोजक सत्येंद्र जी, डॉ विवेक तांगड़ी एवं यात्रा सह-संयोजक प्रबल चौहान ने ये बताया कि इस यात्रा को समाज से भारी जन समर्थन प्राप्त हो रहा हैं जिस कारण एक आदर्श समाज को स्थापित करने कि दिशा मे यह यात्रा निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगी।


लोकनीति के निदेशक और यात्रा संयोजक सत्येंद्र जी ने बताया कि आध्यात्मिक संस्कृति ही हमारे राष्ट्र के मूल में समाहित हैं और भारत के समग्र विकास का इतिहास केवल भारतीय चिंतन के माध्यम से ही संभव किया जा सकता हैं। चलो जाने रामराज्य के अभियान प्रमुख, आध्यात्मिक चिंतक और यात्रा संयोजक डॉ विवेक तांगड़ी जी ने इस बात पर जोर दिया की जब हम बदलेंगे-तो समाज बदलेगा-समाज बदलेगा तो राष्ट्र बदलेगा, डॉ तांगड़ी ने अब इस समाज को हम सब की आवश्यकता हैं।


यह यात्रा मथुरा से प्रारम्भ होकर नोयडा, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, काशी, प्रयागराज, चित्रकूट, बाँदा, झाँसी, बिठूर, उन्नाव से लखनऊ तक प्रदेश के 30 जिलों को, 18 विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एकात्म संवाद एवं यात्रा के विभिन्न पड़ाव स्थलों पर एकात्म संवाद, एकात्म चर्चा, ग्रामीण एकात्म संवाद, विचार गोष्ठी, चाय पर चर्चा और सामाजिक सांस्कृतिक संवाद के माध्यम से । इस यात्रा के माध्यम से प्रदेश की 6 करोड़ 14 लाख जनता के बीच यात्रा के उद्देश्य का चिन्तन प्रवाह होगा।  

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