लखनऊ भी स्वतंत्रता की लड़ाई का प्रमुख केन्द्र रहा: राम नाईक

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि देशभर में अनगिनत स्थानों पर देशवासी स्वतंत्रता के लिये अपना योगदान दे रहे थे। लखनऊ भी स्वतंत्रता की लड़ाई का प्रमुख केन्द्र रहा है।

Update: 2019-05-10 15:11 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि देशभर में अनगिनत स्थानों पर देशवासी स्वतंत्रता के लिये अपना योगदान दे रहे थे। लखनऊ भी स्वतंत्रता की लड़ाई का प्रमुख केन्द्र रहा है।

लखनऊ की यह रेजीडेन्सी 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की साक्षी है। आज लखनऊ स्थित रेजीडेन्सी जाकर 1857 से 1947 तक के शहीदों को याद कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने देश की रक्षा करते समय शहीद होने वाले सैनिकों, पुलिस एवं सुरक्षा कर्मियों को भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि देश की आजादी हमें हजारों देशवासियों के उत्सर्ग के बाद मिली है।

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अनेकों माताओं ने अपने सपूत, पत्नियों ने सुहाग, बहनों ने भाई, बच्चों ने पिता तथा संबंधियों ने अपनो को खोया है तब देश आजाद हुआ। आज हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज के दिवस पर स्वराज्य को सुराज बनाने का संकल्प लें। नाईक ने कहा कि 10 मई 1857 को देश की आजादी का प्रथम समर शुरू हुआ था। अंग्रेजों ने आजादी की प्रथम लड़ाई को बगावत का नाम दिया।

वीर सावरकर ने देश के सामने सही इतिहास प्रस्तुत करते हुए प्रमाणित किया कि यह बगावत नहीं देश को ब्रिटिश राज से स्वतंत्र कराने के लिये पहली जंग की शुरूआत थी।

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राज्यपाल ने इस अवसर पर रेजीडेन्सी परिसर तथा संग्रहालय का भ्रमण भी किया और डाक्युमेंट्री भी देखी। अच्छी डाक्युमेंट्री बनाने के लिये राज्यपाल ने डाक्युमेंट्री के निर्माताओं का अभिनंदन किया।

उन्होंने बताया कि लगभग साढे़ तीन वर्ष पूर्व वे 13 अक्टूबर 2015 को रेडीडेन्सी आये थे तथा रेजीडेन्सी पर एक डाक्यूमेंट्री बनाने एवं लाइट एण्ड साउण्ड कार्यक्रम शुरू करने की सलाह दी थी। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता होगी यदि उनके कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व यहाँ लाईट एण्ड साउण्ड कार्यक्रम देखने को मिले।

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