Kushinagar News: रामकोला गोली कांडः किसानों के शहादत की 31वीं बरसी की तैयारियां तेज

Kushinagar News: 1992 में रामकोला गोलीकाण्ड में बलिदान हुए किसानों की याद में अनवरत 31 वर्षों से मनाई जा रही है बरसी।

Update:2023-09-09 17:08 IST

रामकोला गोली कांडः किसानों के शहादत की 31वीं बरसी की तैयारियां तेज: Photo-Newstrack

Kushinagar News: जनपद के रामकोला नगर के त्रिवेणी चीनी मिल के गेट पर बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर 10 सितंबर 1992 को हुई फायरिंग में दो किसान शहीद हो गए थे। उन्हीं किसानों के शहादत की 31वीं बरसी किसान नेता व उस आन्दोलन के अगुआ राधेश्याम सिंह के नेतृत्व में रविवार को मनाई जाएगी। शहीद स्थल की साफ-सफाई एवं रंगाई-पुताई के साथ सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्यक्रम में दूर दूर से किसान, सपा नेता, कार्यकर्ता आते हैं।

अगस्त 1992 की घटना

अगस्त 1992 में रामकोला नगर में स्थित त्रिवेणी चीनी मिल प्रशासन द्वारा किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान न करने से तंग आकर क्षेत्र के किसानों ने किसान नेता राधेश्याम सिंह के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया। आंदोलन अनवरत चलता रहा। 9 सितंबर को चीनी मिल के कुछ बड़े पदाधिकारियों को आन्दोलनकारियों ने धरना स्थल पर बैठा लिया। किसान आंदोलन के अगुआ राधेश्याम सिंह, शंभू सिंह, शशिभूषण पांडेय सहित एक दर्जन किसान नेताओं को वार्ता के लिए थाने पर बुलाया गया। देर रात वार्ता विफल हो गई। दूसरी ओर चीनी मिल अधिकारियों को धरना स्थल पर पकड़ कर बैठाये जाने की खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई और हजारों किसान धरना स्थल पर पहुंच गए।

देर रात किसानों को रिहा न किये जाने के बाद धरना स्थल पर जूटे नेतृत्व विहीन किसानों ने थाने को घेर लिया और अपने किसान नेताओं को छोड़ने की बात कहने लगे। रात करीब 12ः00 बजे के बाद थाना घेरे किसानों को तीतर भीतर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग आंसू गैस की गोली दागी जिसका जवाब किसानों ने भी दिया। भीड़ को तीतर भीतर करने में सफल पीएसी और पुलिस बल के जवान आंदोलन के 23वें दिन 10 सितंबर को फायरिंग की जिसमें फायरिंग की जिसमें पदोही दलित को वर्तमान शहीद स्थल के निकट गोली लगी और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई जबकि जमादार मियां की मौत देवरिया जेल में हो गई। पीएसी व पुलिस बल के लाठी चार्ज में किसानों सहित तमाम अन्य लोग भी घायल हो गए। किसान नेता राधेश्याम सिंह भी बुरी तरह घायल हो गए।

किसानों की शहादत की 31वीं बरसी

राधेश्याम सिंह सहित तमाम किसानों को गिरफ्तार कर देवरिया जेल भेज दिया गया। 250 किसनों पर मुकदमा दर्ज किया गया। रामकोला में राजनीतिक दलों के नेताओं का रामकोला आने का क्रम शुरू हो गया। समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव देवरिया जेल में राधेश्याम सिंह से मिलने गए और उनके साहस और आन्दोलन की तारीफ भी किए। जेल से छूटने के बाद किसान आंदोलन के अगुआ राधेश्याम सिंह ने प्रण कर लिया कि जब तक जीवित रहूंगा किसानों की शहादत दिवस को मनाता रहूंगा। इस वर्ष भी किसानों की शहादत 31वीं बरसी रविवार को रामकोला चीनी मिल के गेट पर शहीद स्मारक के सम्मुख मनाया जाएगा।

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