UP News: रंगनाथ मिश्र को मिली ईडी से क्लीन चिट, हाईकोर्ट से आया फैसला
UP News: अदालत ने कहा कि रंगनाथ मिश्र द्वारा ईडी एपीलेंट कोर्ट में दाखिल अपील के निस्तारण होने तक ईडी द्वारा कुर्की सहित किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
Lucknow News: पूर्व शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र को लम्बी लड़ाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से क्लीन चिट मिल गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ईडी ने एक सप्लीमेंट्री एफिडेविट देकर क्लोजर रिपोर्ट लगाने की अनुमति कोर्ट से मांगी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। यह फैसला 19 सितम्बर को आया।
आय से अधिक सम्पत्ति का मुकदमा
आपको बता दें कि 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने रंगनाथ मिश्र पर आय से अधिक सम्पत्ति का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे से वह ट्रायल में बरी हो गए। बाद में उप्र सतर्कता विभाग द्वारा लगाई गई चार्जशीट के आधार पर ईडी ने मुकदमा दर्ज कर लिया। 2020 में ईडी ने रंगनाथ मिश्र की पांच करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति कुर्क कर ली थी।
29 सितम्बर 2021 को प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने रंगनाथ मिश्र को आय से अधिक संपत्ति मामले से बरी कर दिया। लेकिन ईडी हाईकोर्ट चली गई। 5 जनवरी 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर स्टे कर दिया। अदालत ने कहा कि रंगनाथ मिश्र द्वारा ईडी एपीलेंट कोर्ट में दाखिल अपील के निस्तारण होने तक ईडी द्वारा कुर्की सहित किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
आय से अधिक सम्पति मामले में रंगनाथ मिश्र हुए बरी
एपीलेंट कोर्ट ने अपील का निस्तारण करते हुए रंगनाथ मिश्र के पक्ष में फैसला दिया जिसको ईडी ने चैलेंज किया और मई 23 में लखनऊ हाईकोर्ट ने फिर से स्टे देते हुए ईडी से काउंटर दाखिल करने को कहा। जिसके बाद लंबे समय तक ईडी की ओर से काउंटर दाखिल नहीं किया गया। अंततः ईडी ने सप्लीमेंट्री एफीडेविट दाखिल कर के मामले बंद करने की अनुमति मांगी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और 19 सितम्बर को आए फैसले में रंगनाथ मिश्र आय से अधिक सम्पति मामले से बरी हो गए।
रंगनाथ मिश्र ने किया ईश्वर को धन्यवाद
रंगनाथ मिश्र ने एक बातचीत में बताया कि ईश्वर को धन्यवाद। उसके यहां देर है अंधेर नहीं। काफी लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई। उन्होंने बताया की इस पूरे खेल को उस समय के दबंग विधायक विजय मिश्र ने रचा था। जिसमें रंगनाथ मिश्र को गिरफ्तार करके मेरठ जेल भेज दिया गया था उस समय भी जब रंगनाथ मिश्र को जान का खतरा महसूस हुआ तो उन्होंने अदालत की शरण ली और लखनऊ हाईकोर्ट ने आदेश देकर उनकी जेल को बदलवाया।