भोपाल में सिमी के 8 आतंकियों के बाद UP में भी एक कुख्यात आरोपी जेल से फरार
लखीमपुर खीरी: भोपाल की सेंट्रल जेल से सिमी के 8 आतंकी फरार होने के बाद यूपी के लखीमपुर खीरी जेल से भागे कुख्यात आरोपी को 18 घंटे बाद भी पुलिस पकड़ नहीं पाई है। इस पर रेप के बाद हत्या का आरोप है। इस घटना के बाद जेल प्रशासन के हाथ पांंव फूल गए हैं। आरोपी की तलाश के लिए पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है।
जेल से फरार हुए आरोपी के बारे में किसी भी सुरक्षाकर्मी को यह पता नहीं कि वह किस समय फरार हुआ। घटना के करीब 14 घंटे बाद जेल अधीक्षक ने विचाराधीन बंदी की भागने की सूचना दर्ज कराई है।
फरार कैदी ने क्या किया था
कोतवाली सदर क्षेत्र के गांव राजापुर निवासी अनुज कश्यप पुत्र भल्लू ने गांव की आठ साल की मासूम को आम देने के बहाने बाग ले जाकर उसे अपनी हवश का शिकार बना डाला था। उग्र प्रदर्शन के बाद कोतवाली पुलिस ने 25 मई को उसे जेल भेजा था।
कारागार अधीक्षक ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि शाम 6:15 बजे यह विचाराधीन कैदी गिनती के समय मौजूद था। फिर उन्होंने तहरीर में 6:15 का हवाला देकर बताया कि वह नहीं था और जेल नियमों के मुताबिक शाम सात बजे अलार्म कराया गया। पूरी जेल में उसे खोजने के लिए सर्च आपरेशन भी चलाया गया। मगर उसका कहीं पता नहीं चला।
पांच गेटों वाली जिला कारागार के अधिकारी बड़े-बड़े दावे करते हैं कि जेल में परिंदा भी पर नहीं मार सकता तो अनुज जेल से कैसे भागा। बात दीवालों की करें तो इनकी ऊंचाई करीब 22 फिट के करीब है। ऐसे में जेल से भागना किसी पहेली से कम नहीं है। सुरक्षा की बात करें तो कारागार के घर गेट पर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। बाउंड्री वाल पर भी सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं।
जेल परिसर के बीचों-बीच बना सर्किल आफिस जहां पर डिप्टी जेलर से लेकर प्रधान बंदी रक्षक व बंदी रक्षक सभी बैठते हैं। हर बैरक पर वहां नजर रखी जाती है। बैरक नंबर-7 जिसमें विचाराधीन बंदी अनुज रहता था वह सर्किल आफिस के करीब ही है। ऐसे में वह जेल से कैसे फरार हुआ? इसी जांच भी चल रही है।
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जेल अधीक्षक ने क्या कहा
जेल अधीक्षक ने बताया कि बाउंड्री वाल से छह फिट का आदमी बिना किसी की मदद के दीवाल नहीं कूद सकता तो उसकी जेल से फरार होने में किसने मदद की। गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के बयान जेल अधीक्षक दर्ज कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है। जब जेल से बंदी 6:15 पर फरार तो जेल अधीक्षक ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को क्यों नहीं दी।
बंदी रक्षकों की पांच सदस्यीय टीम भी सर्च आपरेशन में लगी है। मंगलवार को जेल की सर्च टीम ने पीलीभीत-बस्ती मार्ग पर राना मोटर्स के पीछे अरहर के खेत में उसे घेर लिया। मगर शातिर अपराधी यहां से भी सर्च टीम को चकमा देकर फरार हो गया।
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ऐसी होती है जेल की सुरक्षा
-गेट नंबर-1 इसे सत्तरी गेट कहते हैं। यहां पर सोमवार शाम छह बजे दस बजे तक बंदी रक्षक वीर सिंह तैनात रहे। इसके अंदर गेट कीपर योगेंद्र सिंह चौधरी शाम चार से आठ बजे तक ड्यूटी पर रहे।
-गेट नंबर-2 चार से आठ बजे तक होमगार्ड श्याम स्वरूप ड्यूटी करते हैं।
-गेट नंबर-3 चार से आठ बजे तक सुशील कुमार ड्यूटी करते हैं पर अनुज जेल से जिन्न की तरह गायब हुआ। किसी को खबर नहीं लगी।
-गेट नंबर-4 व 5 सर्किल से जुड़ा है। यहां पर डिप्टी जेलर प्रधान बंदी रक्षक से लेकर आधा दर्जन बंदी रक्षक मौजूद रहते हैं।